विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक: पत्रकारिता को देश को चौथा स्तंंभ माना जाता है। हमारे देश में तो बड़े बड़े आंदोलन कारी भी मानते थे कि पत्रकारिता में बहोत शक्ति है। लेकिन क्या आप जानते हैं। रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स नेविश्व प्रेस सूचकांक की रिपोर्ट जारी की है। इसमें भारत को 180 देशों में से आठ स्थानों की गिरावट के साथ 150 वां स्थान दिया गया है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र पत्रकारिता का सबसे गिरा हुआ दौर देख रहा है। पत्रकारिता के स्तर में ये गिरावट 2016 से लगातार दर्ज की जा रही है।
लेकिन 2022 में इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भाजपा और मीडिया पर हावी बड़े उद्योगपति प्रेस को नियंत्रित करते हैं। इस रिपोर्ट में भारत के पड़ोसी देशों का और बुरा हाल है। चीन का स्थान 175वां है, हालांकि चीन ने दो पायदान का सुधार किया है। पाकिस्तान 12 पायदान नीचे खिसक कर 157वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं बांग्लादेश 10 स्थानों की गिरावट के साथ 162 वें स्थान पर है। पड़ोसी देशों में श्रीलंका और नेपाल भारत से बेहतर स्थित में है। श्रीलंका 19 स्थानों के नुकसान के साथ 146 वें स्थान पर है तो नेपाल 30 स्थानों के सुधार के साथ 106 वें स्थान पर है।
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