इग्नू प्रोफेसरों के कार्यों की सराहना की जानी चाहिए: शिक्षा मंत्री |

इग्नू प्रोफेसरों के कार्यों की सराहना की जानी चाहिए: शिक्षा मंत्री

इग्नू प्रोफेसरों के कार्यों की सराहना की जानी चाहिए: शिक्षा मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : April 26, 2022/4:30 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि इग्नू के प्रोफेसर भगवान हनुमान की तरह हैं जिन्हें अपनी शक्ति का आभास नहीं था। उन्होंने कहा कि इग्नू के प्रोफेसरों के कार्यों की सराहना की जानी चाहिए।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान ने यह बात कही। दीक्षांत समारोह में देशभर में कुल 2,91,588 छात्रों ने डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किये जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘मैं यहां छात्र के रूप में आया हूं। छात्र एक मानसिक अवस्था है। यह एक सोच है। आप कहीं भी हों, कोई भी हों, अगर सीखना चाहते हैं तो छात्र हैं।’’

प्रधान ने कहा कि वह छात्र नेता रहे हैं और अब शिक्षा मंत्री बन गये।

हनुमान चालीसा को लेकर हाल में उठे विवादों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में सहिष्णुता के बारे में बोला जाता है और लिखा जाता है। कई बार हमें विदेशों से भी इस बारे में सलाह मिलती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि यह हमारे लोकतंत्र में अंतर्निहित है।’’

उन्होंने कहा कि इग्नू के सभी प्रोफेसर और देशभर में इसके क्षेत्रीय केंद्रों से जुड़े अध्यापकों में हनुमान जी के गुण हैं।

प्रधान ने कहा, ‘‘हनुमान जी को समाज की सेवा करने के लिए और आदिवासियों की आवाज बनने के लिए जाना जाता है। उन्हें आभास ही नहीं था कि उनके पास किस तरह की शक्तियां थीं और कई बार, उन्हें उनकी अपार शक्तियों के बारे में बताया जाता था। आप हनुमान हैं। आपको पता नहीं चलता कि आपने क्या किया।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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