मास्क से जुड़ी पाबंदी अभी लगाये रखने की जरूरत नहीं हो सकती : विशेषज्ञ |

मास्क से जुड़ी पाबंदी अभी लगाये रखने की जरूरत नहीं हो सकती : विशेषज्ञ

मास्क से जुड़ी पाबंदी अभी लगाये रखने की जरूरत नहीं हो सकती : विशेषज्ञ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : April 7, 2022/7:28 pm IST

(शकूर राठेर)

नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) कई विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के चलते मास्क लगाने के दिशानिर्देश का दो साल तक सख्त अनुपालन करने के चलते लोग थकान महसूस कर रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों पर इसे लगाने की अनिवार्यता खत्म की जा सकती है, जैसा कि कई देशों ने किया है।

विशेषज्ञों ने कहा है कि मास्क लगाने के फायदे के बारे में जागरूकता का प्रसार करना जारी रखना चाहिए, लेकिन इसकी (मास्क पहनने की) अनिवार्यता हटाना और कोविड की कोई और लहर आने पर इसे फिर से लगाने का दिशानिर्देश जारी करना विवेकपूर्ण होगा, ताकि इसका बेहतर अनुपालन हो सके।

उन्होंने अच्छी तरह से मास्क नहीं पहने होने की निरर्थकता और मास्क पहनने के विषय पर समुदाय में आम सहमति के अभाव का जिक्र करते हुए यह कहा।

वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर डिजिज डायनामिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी के निदेशक रामनन लक्ष्मीनारायण ने दुनिया भर के कई देशों में मास्क से जुड़ी पाबंदियां हटाये जाने का जिक्र करते हुए पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मुद्दा (मास्क से जुड़ी पाबंदियों) अनुपालन से होने वाली थकान का है। ’’

हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी में भौतिकी एवं जीवविज्ञान विभागों के प्राध्यापक गौतम मेनन ने कहा, ‘‘मैं बंद स्थानों में मास्क की उपयोगिता के संदेश का प्रसार करने का अनुरोध करूंगा, लेकिन यह सुझाव नहीं दूंगा कि इसे दंडनीय रूप से लागू करने की जरूरत है। ’’

भारत में बृहस्पतिवार को कम संख्या में संक्रमण के मामले–1,033–सामने आने और मुंबई में कोविड के एक नये स्वरूप का एक मामला सामने आने के बीच ये सुझाव दिये गये हैं।

बुधवार को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने ओमीक्रोन के रिकॉम्बीनेंट स्ट्रेन एक्सई का पहला मामला दर्ज किया था।

पिछले दो वर्ष में, भारत में अभी कोविड के सबसे कम मामले सामने आने के बीच दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा ने मास्के के उपयोग की अनिवार्यता हटा दी है।

महामारी विज्ञान लक्ष्मीनारायण ने कहा कि यदि भविष्य में वायरस का कोई नया स्वरूप या महामारी की लहर आती है तो लोगों के लिए फिर से मास्क का उपयोग करना जरूरी हो सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस अनिवार्यता को अनिश्चितकाल तक जारी रखने से लोग इसे गंभीरता से नहीं लेंगे। इसलिए, बेहतर होगा कि उन्हें हटा दिया जाए और जरूरत पड़ने पर फिर से उन्हें पहनने की अनिवार्यता की जाए।

प्रतिरक्षाविज्ञानी सत्यजीत रथ ने कहा कि यह मानना गलती होगी कि महामारी अब सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि लोगों की है।

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान से संबद्ध रथ ने कहा कि मास्क से जुड़ी पाबंदी हटाने से लोग यह सोच सकते हैं कि महामारी खत्म हो गई है और वे महामारी के खिलाफ सावधानी बरतना कम कर देंगे।

भाषा

सुभाष उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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