नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के साथ परामर्श विकास केंद्र (सीडीसी) के कर्मचारियों, चल संपत्ति एवं देनदारियों सहित विलय को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी।
सीएसआईआर और सीडीसी वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) के तहत दो अलग-अलग स्वायत्त निकाय हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन दो निकायों का विलय न सिर्फ विभाग में कामकाज को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि सीएसआईआर को शिक्षा, प्रौद्योगिकियों के निर्यात आदि से संबंधित परामर्श के क्षेत्र में सीडीसी के अनुभवी कर्मचारियों की सेवाओं का लाभ भी मिलेगा।
बयान में कहा गया है कि इस विलय से सीएसआईआर की विभिन्न जरूरतों के मामले में मूल्य वर्धन होने की उम्मीद है जिनमें परियोजनाओं का तकनीकी-व्यावसायिक आकलन, क्षेत्र में तैनात सीएसआईआर की प्रौद्योगिकियों के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का विश्लेषण आदि शामिल हैं। इसके अलावा व्यापार के विकास से संबंधित गतिविधियों में भी मदद मिलेगी।
इसमें कहा गया है कि सीडीसी के मौजूदा 13 कर्मचारियों को सीएसआईआर में 13 अतिरिक्त पद सृजित करके समायोजित किया जाएगा। इसके अलावा इंडिया हैबिटेट सेंटर, नयी दिल्ली में सीडीसी के कब्जे वाले परिसर को पुन: आवंटन के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर को सौंप दिया जाएगा और पुन: आवंटन से प्राप्त राशि को देश की संचित निधि में जमा किया जाएगा।
विलय के बाद, परामर्श विकास केंद्र की सभी चल संपत्ति और देनदारियां वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद को हस्तांतरित हो जायेंगी।
भाषा अविनाश मनीषा
मनीषा
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