उप राष्ट्रपति ने कोविड-19 के नये स्वरूपों की जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने का आह्वान किया

उप राष्ट्रपति ने कोविड-19 के नये स्वरूपों की जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने का आह्वान किया

उप राष्ट्रपति ने कोविड-19 के नये स्वरूपों की जीनोम सीक्वेंसिंग में तेजी लाने का आह्वान किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: July 2, 2021 12:54 pm IST

हैदराबाद, दो जुलाई (भाषा) उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने उपयुक्त टीके और औषधि की खोज करने के लिए कोविड-19 के नये स्वरूपों की ‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ में तेजी लाने का शुक्रवार को आह्वान किया।

‘जीनोम सीक्वेंसिंग’ के तहत किसी संक्रमित मरीज से लिये गये नमूने का विश्लेषण किया जाता है और उसकी तुलना अन्य मामलों से की जाती है।

उप राष्ट्रपति ने सीएसआईआर-कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र की यहां स्थित विलुप्तप्राय प्रजातियां संरक्षण प्रयोगशाला का दौरा किया और इसके प्रभारी वैज्ञानिक द्वारा दी गई एक प्रस्तुति देखी।

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एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि सीक्वेंसिंग एक ऐसा औजार है जो विषाणु के स्वरूप में होने वाले नये बदलावों का पता लगाता है और इस तरह इससे कोविड-19 के प्रसार को समय रहते रोकने में मदद मिलेगी।

नायडू ने कहा कि देश के कुछ प्राणि उद्यानों में बाघों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरों के आलोक में वायरस के नये स्वरूप की सीक्वेंसिंग जरूरी हो गई है।

उन्होंने लोगों से टीका लगवाने में नहीं हिचकिचाने की अपील करते हुए कहा कि भारत में बने टीके सुरक्षित एवं कारगर हैं तथा हर किसी को टीका लगवाना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

उन्होंने खेल एवं संस्कृति क्षेत्र की हस्तियों से टीकाकरण अभियान में सक्रिय साझेदार बनने और लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रेरित करने की अपील की। नायडू ने कहा, ‘‘टीकाकरण अभियान एक राष्ट्रीय आंदोलन बनना चाहिए। ’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश


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