दक्षिणी दिल्ली में पानी की किल्लत, खराब जल निकासी और सड़क जाम हैं प्रमुख मुद्दे |

दक्षिणी दिल्ली में पानी की किल्लत, खराब जल निकासी और सड़क जाम हैं प्रमुख मुद्दे

दक्षिणी दिल्ली में पानी की किल्लत, खराब जल निकासी और सड़क जाम हैं प्रमुख मुद्दे

:   Modified Date:  May 22, 2024 / 01:24 PM IST, Published Date : May 22, 2024/1:24 pm IST

(आलोक सिंह)

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) दक्षिणी दिल्ली में राजनीतिक दल यूं तो राम मंदिर, भ्रष्टाचार और महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन क्षेत्र की जनता पानी की भारी किल्लत, जल निकासी की खराब व्यवस्था, आए दिन सड़कों पर जाम और पार्किंग स्थलों की कमी जैसी समस्याओं पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से आजीज आ चुकी है।

मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का मानना है कि चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों और उसके उम्मीदवारों को क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने और स्थानीय समस्याओं को दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

क्षेत्र के संगम विहार में रहने वाले 26 वर्षीय रजनीश कुमार तपती धूप में अपने घर के बाहर पानी के टैंकर का इंतजार कर रहे होते हैं ताकि वह आवश्यक जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा कर सके। पिछले 12 सालों से यह इंतजार उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।

एफ ब्लॉक के निवासी कुमार बताते हैं, ‘‘मेरे पिता ने यह घर 25 साल पहले खरीदा था। जब मैं बच्चा था तो यहां पानी की कोई कमी नहीं थी लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ पानी का संकट हमारे जीवन का हिस्सा बन गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे इलाके में पानी की उचित आपूर्ति न होने से पिछले 10 सालों से हम पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं।’’

दक्षिण दिल्ली सहित राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होगा।’

नेहरू प्लेस में एक कंप्यूटर की दुकान पर काम करने वाले कुमार ने कहा कि इलाके में भूजल स्तर नीचे जाने के बावजूद सरकार के पास जल संचय करने की कोई योजना नहीं है।

पुलिस की माने तो संगम विहार, मेहरौली, छत्तरपुर, बिजवासन और आया नगर में आए दिन पानी को लेकर लड़ाइयां होती हैं।

साल 2008 में हुए परिसीमन से पहले दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट में कई संपन्न क्षेत्र शामिल थे, लेकिन अब इसमें मुख्य रूप से शहरी गांव, अनधिकृत और पुनर्वास कॉलोनियां और मलिन बस्तियां हैं। इन इलाकों में कई बुनियादी ढांचागत चुनौतियां हैं।

हरियाणा की सीमा से लगे महरौली, छत्तरपुर, बिजवासन और नेब सराय में कई एकड़ भूमि में फार्महाउस भी फैले हुए हैं और ये क्षेत्र हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है जबकि बदरपुर, संगम विहार, तुगलकाबाद, गोविंदपुरी में ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ी वाले और अनधिकृत कॉलोनियों और गांवों में रहने वाले लोग रहते हैं।

दक्षिणी दिल्ली में 10 विधानसभा सीट छतरपुर, पालम, बिजवासन, कालकाजी, महरौली, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, तुगलकाबाद और बदरपुर हैं।

महरौली-बड़ापुर रोड पर मोबाइल की दुकान के मालिक जैतपुर निवासी संदीप वर्मा ने कहा कि हर मानसून में नालियां जाम हो जाती हैं और सड़क पर गंदा पानी भर जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मेरे एक वोट से यहां कोई बदलाव आएगा या नहीं, लेकिन मैं मतदान तो जरूर करूंगा।”

उन्होंने कहा कि यहां ट्रैफिक जाम भी एक बड़ी समस्या है जिसका जल्द से जल्द समाधान किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने अफसोस जताया कि यहां प्रचार के लिए आने वाले उम्मीदवार राम मंदिर से लेकर महंगाई और बेरोजगारी की बात तो करते हैं लेकिन कोई भी उम्मीदवार इन मुद्दों पर बात नहीं करता।

क्षेत्र के गोविंदपुरी, कालकाजी, आंबेडकर नगर और बदरपुर के कुछ इलाकों में अनधिकृत निर्माण और संकीर्ण गलियों के कारण वाहन पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है। यह भी लोगों की परेशानियों का बड़ा सबब बना हुआ है।

पिछले लोकसभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था लेकिन इस बार यहां भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी (71) और आप के सहीराम पहलवान (64) के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस और आप, दोनों ही ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल हैं। दिल्ली में दोनों दलों के बीच सीटों का तालमेल हुआ है।

तुगलकाबाद से विधायक पहलवान पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पहली तीन प्राथमिकताएं दक्षिण दिल्ली में अस्पताल, स्कूल और खेल स्टेडियम का निर्माण करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र या डीडीए के माध्यम से जमीन की व्यवस्था करने के बाद मैं दक्षिण दिल्ली में एक बड़ा अस्पताल बनाऊंगा। अगर डीडीए ऐसा नहीं करता है तो दिल्ली सरकार के फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया गया है, लेकिन और अधिक करने की आवश्यकता है। डीडीए से जमीन मिलने के बाद हम स्कूलों का निर्माण करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि युवा, विशेषकर एथलीट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की तैयारी के लिए दक्षिण दिल्ली में एक स्टेडियम चाहते हैं और वह इस मांग को पूरा करेंगे।

रामवीर बिधूड़ी बदरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जो दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट का एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। भाजपा ने उन्हें इस सीट से दो बार के सांसद रमेश बिधूड़ी के स्थान पर उम्मीदवार बनाया है।

रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के लोग पानी की आपूर्ति की कमी और खराब परिवहन व्यवस्था से परेशान हैं।

उन्होंने कहा कि यमुना नदी अब भी जहरीली है और मौजूदा आप सरकार के तहत दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर बन गई है।

उन्होंने कहा कि चुने जाने पर वह वृद्धावस्था पेंशन योजना फिर से शुरू करेंगे और दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना’ लागू करेंगे।

रामवीर बिधूड़ी और पहलवान दोनों गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

रमेश बिधूड़ी से पहले सुषमा स्वराज, मदन लाल खुराना और विजय कुमार मल्होत्रा जैसे लोकप्रिय नेता दक्षिण दिल्ली सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

साल 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि वह मल्होत्रा से 30,000 मतों से हार गए थे।

इस निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान में कुल 22,21,445 मतदाता हैं। इनमें से 31 प्रतिशत ओबीसी समुदाय, 16 प्रतिशत दलित, 9 प्रतिशत गुर्जर, 7 प्रतिशत मुस्लिम और 5 प्रतिशत पंजाबी हैं।

भाषा

प्रीति ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)