नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि जो लोग सोचते थे कि वे व्यवस्था से परे हैं, उन्हें अब जवाबदेह ठहराया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून जब अपना काम शुरू करता है तो कुछ लोग सड़कों पर उतर आते हैं।
धनखड़ ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि कानून का उल्लंघन करने वाला कोई व्यक्ति कैसे ‘पीड़ित कार्ड’ खेलता है।
उनकी टिप्पणी कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) की प्रस्तावित रैली की पृष्ठभूमि में आई है।
रैली में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के कई नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।
कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को तबाह करने के लिए आयकर विभाग, ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
इसने कहा कि पार्टी को आयकर विभाग से नये नोटिस मिले हैं, जिसमें उसे 1,823.08 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा गया है।
धनखड़ ने यहां किसी व्यक्ति या मामले का नाम लिये बिना कहा, ‘‘कुछ लोगों ने सोचा कि हम कानून से ऊपर हैं, कानून से मुक्त हैं… जो लोग (यह) सोचते थे कि वे कानून से परे हैं, (अब) कानून उनके पीछे है।’’
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून उन्हें जवाबदेह बना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम क्या देखते हैं – जैसे ही कानून अपना काम शुरू करता है, वे सड़कों पर उतर आते हैं, ऊंची आवाज में बहस करते हैं, मानवाधिकारों की सबसे खराब प्रकृति के दोषी को छिपाते हैं। यह हमारी नाक के नीचे हो रहा है।’
उन्होंने पूछा कि जब कानून अपना काम शुरू कर देता है तो व्यक्तियों या संस्थानों और संगठनों के सड़कों पर उतरने का क्या औचित्य है।
धनखड़ ने पूछा, ‘‘क्या आप उच्च नैतिक आधार पर कह सकते हैं कि भ्रष्टाचारियों से इसलिए नहीं निपटा जाना चाहिए क्योंकि यह त्योहारों का मौसम है, यह खेती का मौसम है? जो दोषी हैं उन्हें बचाने का कोई मौसम कैसे हो सकता है?’
भाषा सुरेश अविनाश
अविनाश
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