सरकार कोई भी हो, बुनियादी ढांचे और संपर्क सुविधा में सुधार करें : हिमाचल पर्यटन क्षेत्र की मांग |

सरकार कोई भी हो, बुनियादी ढांचे और संपर्क सुविधा में सुधार करें : हिमाचल पर्यटन क्षेत्र की मांग

सरकार कोई भी हो, बुनियादी ढांचे और संपर्क सुविधा में सुधार करें : हिमाचल पर्यटन क्षेत्र की मांग

Edited By :  
Modified Date: May 27, 2024 / 01:25 PM IST
,
Published Date: May 27, 2024 1:25 pm IST

(भानु पी लोहुमी)

शिमला, 27 मई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की मांग है कि राज्य में अगली सरकार चाहे किसी की भी बने, लेकिन यहां बुनियादी ढांचे के विकास और संपर्क सुविधा के मुद्दों का समाधान अहम कार्य होना चाहिए।

हितधारकों ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार को प्रस्तावित हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पूरा करना चाहिए, रेल कनेक्टिविटी में सुधार करना चाहिए और पर्यटकों के लिए राजमार्गों पर सुविधाएं बनानी चाहिए।

शिमला में एक होटल और ‘एम्यूजमेंट पार्क’ के मालिक निशांत नाग ने कहा, ”हम व्यवसायी हैं और किसी भी राजनीतिक दल की नाराजगी का सामना नहीं करना चाहते। सिंगल इंजन हो या डबल इंजन सरकार हो, दोनों को ही विकास के लिए काम करना चाहिए।”

हाल ही में हुए आर्थिक सर्वे के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत यानी 14,000 करोड़ रुपये का योगदान देता है और 14.2 प्रतिशत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न करता है।

शिमला, मंडी और कांगड़ा सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने पर्यटन को बढ़ावा देने और बेहतर संपर्क सुविधा स्थापित करने को अपनी प्राथमिकता बताई है। धर्मशाला और लाहौल-स्पीति से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने भी इसी तरह के वादे किए हैं।

हिमाचल प्रदेश में एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा।

मनाली होटेलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे का विस्तार करने या पर्यटन केंद्र मनाली के पास 70 सीटों वाले विमानों को उतारने की अनुमति देने वाला हवाई अड्डा बनाने की सख्त जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ब्यास नदी में आने वाली बाढ़ से बचाव और राज्य के सभी पर्यटन स्थलों पर अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने की भी आवश्यकता है।

ठाकुर ने कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के समक्ष होटल व्यवसायियों के संगठन की इन मांगों को रखा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए अच्छे वित्तीय प्रबंधन वाली एक मजबूत सरकार की आवश्यकता है।

धर्मशाला होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी बंबा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि खराब संपर्क सुविधा होने और पार्किंग स्थानों की कमी से पर्यटन उद्योग पर प्रभाव पड़ता है। इससे पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।

‘फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन’ (एफओएचएचआरए) के अध्यक्ष गजेंद्र ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि विदेशों की तर्ज पर राजमार्गों पर सड़क के किनारे सुविधाओं का भी विकास करना चाहिए। पेट्रोल पंप, मोटेल, रेस्तरां, कार की मरम्मत और अन्य आवश्यक सुविधाएं जैसी सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जानी चाहिए।

एक स्थानीय होटल व्यवसायी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आने वाले वर्षों में सालाना पांच करोड़ पर्यटकों के लक्ष्य के साथ कांगड़ा को राज्य की पर्यटन राजधानी बनाने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन ऐसी घोषणाएं कागजों पर ही रह गई हैं और जमीन पर कोई ठोस परिणाम दिखाई नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार पिछले डेढ़ साल से बारिश संबंधी आपदाओं और राजनीतिक खींचतान से निपटने में लगी हुई है।

भाषा प्रीति मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)