Make The Right Decisions: नई दिल्ली। बचत के लिए प्लान, अपना घर, बच्चों के स्कूल जैसे बड़े निर्णयों से लेकर खाना क्या बनेगा, कहां घूमने जाएंगे, किसी फंक्शन में जाएं कि ना जाएं, जैसे छोटे और आसान फैसले करना भी कभी-कभी काफी मुश्किल लगता है। जाहिर है कि ऐसे व्यक्ति को खुद की निर्णय क्षमता पर विश्वास नहीं होता। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
आज हम आपको तीन ऐसी ही आसान टिप्स बताने जा रहे हैं, जिसके चलते आप लाइफ में काफी हद तक सही निर्णय लेने में सफल हो पाएंगें। आइए जानते हैं कौन से हैं वो तरीके –
1 अपने लक्ष्य को समझें
जब आपको किसी स्थिति में निर्णय लेना है तो पहले ये पता लगाइए कि इस स्थिति के आखिर में आप क्या चाहते हैं। आपका लक्ष्य क्या है ? जब आप एकबार अपना लक्ष्य क्लियर कर लेंगे तो आप उसके बारे में अच्छे से सोच-समझ पाने में सक्षम होंगे। अगर एक बार आप ये पता लगा लेंगे कि आपको क्या चाहिए आपके लिए निर्णय लेना थोड़ा आसान हो जाएगा।
2 खुद का करें आकलन
फैसला लेने में घबराहट लगती हो तो यह जरूर सोचें कि आप अपनी जिन कमजोरियों के कारण फैसला नहीं ले पा रहीं, क्या वे वाकई आपकी कमजोरियां ही हैं? अगर लगे कि आपकी हिचक सही है, तो फिर छोटे-छोटे फैसले खुद लेने से शुरुआत करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा और निर्णय लेने के विभिन्न पहलुओं की समझ भी बढ़ेगी।
Make The Right Decisions: 3 खुद पर विश्वास है जरूरी
कोई भी फैसला लेना अगर आपको नर्वस कर देता है तो सबसे पहले खुद पर विश्वास की आदत बनाएं। यह भरोसा रखें कि किसी मुद्दे पर आप जो सोच पा रही हैं वह भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। हाल ही में एक शोध में यह बात सामने आई है कि स्कूल जाने वाले लड़के और लड़कियां शुरुआत में क्षमताओं में एक-दूसरे को समान मानते हैं, लेकिन छह साल बीतते-बीतने लड़कियां खुद को लड़कों से कमजोर मानने लगती हैं। मनोवैज्ञानिक भाषा में इसे स्टीरियोटाइप कहते हैं, जो एक तरह की सामाजिक परंपरागत छवि होती है।
4 परिवार की निर्णय प्रक्रिया में शामिल हों
अपनी बात को रखें जरूर। अगर रखेंगी नहीं, तो उसके स्वीकारे जाने तक बात पहुंचेगी कैसे? परिवार किसी बात पर निर्णय ले रहा हो तो उसमें अपनी सोच-समझ का योगदान जरूर दें। इस तरह एक पहचान बनेगी और निर्णय प्रक्रियाओं में आपकी राय को भी शामिल किया जाएगा। इससे आपकी खुद को लेकर हिचक भी कम होती जाएगी।
Make The Right Decisions: 5 ज्यादा देरी ठीक नहीं
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि निर्णय लेने में ज्यादा देरी करना भी ठीक नहीं होता। आमतौर से कोई भी फैसला लेने में दो तरह की चीजें ही बाधा बनती हैं। मुद्दे से संबंधित बहुत ज्यादा जानकारी होना या बहुत कम जानकारी होना। दोनों ही दशाओं में देर करने पर आपमें निर्णय टालने की आदत विकसित होती जाएगी।
6 फैसले से ना करें लगाव
जो भी फैसला होता है उससे अगर आप भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा जुड़ी होंगी तो उससे भी नुकसान होगा। एक तो फैसला ना माने जाने की दशा में आपमें आक्रोश या निराशा घर कर सकती है। दूसरे, अपने फैसले को फिर आप सही साबित करने की अनुपयोगी कोशिश में लग जाती हैं। यह भी तनाव का कारण बनता है। अगर फैसले से जुड़ाव नहीं होगा और दूसरे के फैसले का आप सम्मान करेंगी।
7 सही व्यक्ति की राय अहम है
अगर आपको किसी मुद्दे से संबंधित फैसला लेना है तो बेहतर है कि उस विषय के जानकार से बात की जाए। अगर पेरेंटिंग से संबंधित कुछ फैसला करना है तो पेरेंटिंग एक्सपर्ट ज्यादा मददगार होगा। जो आपकी ही जैसी स्थिति में हों, वे आपको सही फैसले तक पहुंचने के लिए रास्ता कैसे दिखा सकते हैं?