BJP give tickets to turncoats in the Lok Sabha elections

लोकसभा चुनाव में कितने दलबदलुओं को भाजपा ने दिया टिकट? आंकड़ा देख नहीं होगा यकीन

BJP give tickets to turncoats in the Lok Sabha elections: लोकसभा चुनाव के 417 प्रत्याशियों के विश्लेषण से यह बात निकलकर सामने आयी है कि भाजपा के हर चार में एक प्रत्याशी दलबदलू है। भाजपा के 116 (28 फीसदी) प्रत्याशी दलबदलू हैं। इनमें से अधिकतर कांग्रेस से आए हैं।

Edited By :   Modified Date:  April 7, 2024 / 01:49 PM IST, Published Date : April 7, 2024/1:42 pm IST

Lok Sabha Elections 2024 : ‘आयाराम गयाराम’ का मुहावरा तो आपने सुना ही होगा, दरअसल यह मुहावरा भारतीय राजनी​ति से ही आया है। जोकि साठ के दशक में चलन में आया है। इस बार के लोकसभा चुनाव में आप इस मुहावरे का जमीन पर उतरते भी देख सकते हैं। क्योंकि इस समय देश में दलबदलुओं की बाढ़-सी आ गई है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र से लेकर उत्तरप्रदेश तक कई राज्यों में दल बदलने का सिलसिला जारी है। हर रोज कहीं न कहीं से किसी न किसी पार्टी को छोडक़र नेता दूसरी पार्टीं में जा रहे हैं।

अब आपको जो फैक्ट बताने जा रहा हूं, उसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। दरअसल, लोकसभा चुनाव के 417 प्रत्याशियों के विश्लेषण से यह बात निकलकर सामने आयी है कि भाजपा के हर चार में एक प्रत्याशी दलबदलू है। भाजपा के 116 (28 फीसदी) प्रत्याशी दलबदलू हैं। इनमें से अधिकतर कांग्रेस से आए हैं।

सालों तक एक पार्टी में पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान पाने के बावजूद कई सांसदों और अन्य नेताओं के चुनाव से पहले दूसरे दल में जाने से उनके समर्थक भी द्विविधा में हैं। अब इन दलबदलुओं को समर्थक और आम मतदाता सिर-आंखों पर बैठाते हैं या नहीं, यह चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा। हालाकि एक दूसरे नजरिए से देखा जाए तो लोकतंत्र भी तो यही है जिसे जहां जिसकी पसंद हो जा सकता है।

कहां से किसने बदला पाला?

अब सवाल है कि आखिर कहां से किसने अपना पाला बदल लिया है तो आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ से भाजपा के 11 प्रत्याशियों में एक सरगुजा से प्रत्याशी चिंतामणि महराज कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन किए थे और पार्टी ने टिकट दे दिया है। ऐसा ही एक नाम एमपी में भी है, भाजपा ने कांग्रेस से आए राहुल सिंह लोधी को दमोह से टिकट दिया है। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से टिकट दिया है, जो पिछले चुनाव में इसी सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार थे। हालांकि उन्होंने 2020 में ही कांग्रेस से किनारा करते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया था।हालाकि दलबदलुआ को सिर्फ भाजपा ने ही नहीं अन्य पार्टिंयों ने भी टिकट दिया है, कुछ बड़े नाम हम आपको बता रहे हैं।

राजस्थान

महेंद्रजीत सिंह मालवीय : 2023 के विधानसभा चुनाव में बागीदौरा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। इससे पहले कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। कुछ समय पहले विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में आए, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से टिकट दिया गया है।
उम्मेदाराम बेनीवाल : बाड़मेर के बायतु विधानसभा क्षेत्र का चुनाव आरएलपी के टिकट पर लड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी। अब कांग्रेस में है, बाड़मेर-जैसलमेर सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं।
राहुल कस्वां : चूरू से भाजपा सांसद राहुल कस्वां टिकट कटने से नाराज होकर भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। वह इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं।
प्रहलाद गुंजल : सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर कोटा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल अब कांग्रेस में हैं। वह कोटा लोकसभा सीट से प्रत्याशी हैं।
ज्योति मिर्धा: बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को नागौर से लोकसभा का टिकट दिया है। मिर्धा इसी सीट से कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं।

उत्तरप्रदेश

संगीता आजाद : लालगंज से बीएसपी सांसद संगीता आजाद भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।
दानिश अली : बीएसपी के निलंबित सांसद दानिश अली अमरोहा सीट पर कांग्रेस के टिकट पर लड़ेंगे।
अफजाल अंसारी : गाजीपुर से बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी इस सीट से अब बतौर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
रीतेश पांडे : 2019 में बीएसपी के टिकट पर जीते रीतेश पांडे इस बार अंबेडकर नगर सीट पर भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं।

तेलंगाना

जी. रंजीथ रेड्डी : चेवल्ला से बीआरएस सांसद अब कांग्रेस में।
पी. भरत : नगरकुरनूल से बीआरएस सांसद पी. रामलुलू के बेटे पी. भरत को भाजपा ने टिकट दिया है।
पी. दयाकर : बीआरएस से वारंगल के सांसद पी. दयाकर पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस में शामिल।
बी. वेंकटेश नेथा : पेडापल्ली सीट से बीआरएस सांसद बी. वेंकटेश नेथा कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
बीबी पाटिल : 2014 और 2019 में बीआरएस के टिकट पर जीते थे। इस बार जाहिराबाद से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

झारखण्ड

गीता कोड़ा : झारखंड में कांग्रेस की एकमात्र सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी पाला बदलकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी।
सीता सोरेन : जामा विधानसभा से विधायक सीता सोरेन झामुमो छोड़ भाजपा में। सीता झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबु सोरेन की पुत्रवधु हैं। भाजपा ने दुमका लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।

हरियाणा

बृजेंद्र सिंह : हिसार सीट से सांसद बृजेंद्र सिंह भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल।
नवीन जिंदल : भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व सांसद नवीन जिंदल को कूुरूक्षेत्र से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है।

भाजपा के 116 दलबदलू प्रत्याशियों में कितने कहां से आए?

कांग्रेस – 37
बीआरएस – 09
बीएसपी – 08
टीएमसी – 07
बीजद – 06
एनसीपी – 06
सपा – 06
अन्नाद्रमुक – 04
आप – 02
अन्य – 31

ये रहा दलबदलुओं का अंक गणित

– एक सर्वे के अनुसार 1977 के चुनावों में दल बदलने वाले नेताओं की दर 68.9 फीसदी के शिखर पर पहुंच गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह औसत घटकर 14.9 फीसदी रही।
– कांग्रेस ने 1984 में 32 दलबदलू उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, उनमें से 26 जीते। कांग्रेस को यह सफलता इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति लहर से मिली थी।
– 1984 के बाद हर चुनाव में भाजपा की सीटों की संख्या बढ़ती गई और कांग्रेस की घटती गई। 2019 में भाजपा के जीते प्रत्याशियों की हिस्सेदारी 56.5 फीसदी हो गई। कांग्रेस की मात्र 5 फीसदी रह गई।
– 2014 की तुलना में 2019 में दलबदलू उम्मीदवारों की जीत के प्रतिशत में कमी आई।
– 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा में दलबदलू की सफलता दर 66.7 फीसदी, जबकि कांग्रेस में मात्र 5.3 फीसदी थी।
– 2019 के चुनाव में भाजपा में दलबदलू जीत का प्रतिशत 5.3, जबकि कांग्रेस में 9.5 प्रतिशत रहा।

पलटने के बहाने क्या रहे?

भाजपा
– पार्टी में निष्ठा व मेहनत की अनदेखी।
– अब अटल जी वाली भाजपा नहीं रही।
– भाजपा की कथनी-करनी में अंतर आ गया।
– व्यक्ति विशेष की चल रही है, सभी की सुनवाई नहीं।

कांग्रेस
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित।
– पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र खत्म, कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं
– पार्टी में एक परिवार के आगे कोई नहीं, नेता तक पहुंच मुश्किल।
– राम मंदिर, सनातन धर्म का विरोध बर्दाश्त नहीं।

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