Lok Sabha elections are being fought around Ram Temple Issues

#SarkarOnIBC24 : 24 का चुनाव.. राम मंदिर पर टकराव! क्या नई सरकार के चुनाव का आधार बनेगा यह मुद्दा?

24 का चुनाव.. राम मंदिर पर टकराव! क्या नई सरकार के चुनाव का आधार बनेगा यह मुद्दा? Lok Sabha elections are being fought around Ram Temple

Edited By :   Modified Date:  May 19, 2024 / 12:55 AM IST, Published Date : May 19, 2024/12:07 am IST

रायपुरः Ram Mandir 2024 का लोकसभा चुनाव राम मंदिर के इर्द-गर्द लड़ा जा रहा है.. बीजेपी इसे लेकर मुखर है। कांग्रेस पर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने को लेकर आए दिन तंज कस रही है। इसी बीच पीएम मोदी ने विपक्ष पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो राम मंदिर पर बुलडोजर चला देगी। विपक्ष को राम विरोधी ठहराने में पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। दूसरी ओर इंडिया अलायंस भी बीजेपी नेताओं के हमले का करारा जवाब दे रहा है।

Ram Mandir आजादी के बाद से लेकर आज तक भारत की सियासत को अगर किसी मुद्दे ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वो राम मंदिर का मुद्दा है, जो मंदिर निर्माण के बाद भी सियासत का केंद्र बना हुआ है। 2024 के लोकसभा चुनाव में राम मंदिर बीजेपी के कोर एजेंडा में शामिल है। पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने चुनावी भाषणों में विपक्ष पर हमले के लिए अपने इस सियासी हथियार का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं।

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महाविकास आघाड़ी के नेता ने किया प्रेस कांफ्रेंस

कांग्रेस पर पीएम मोदी के बड़े हमले के बाद मुंबई में महाविकास आघाड़ी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी नेताओं ने जमकर पलटवार किया। मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम पर लोगों को भड़काने और भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। वहीं उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी बीजेपी पर निशाना साधने से नहीं चूके।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर साधा निशाना

लोकसभा चुनाव में राम मंदिर एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी कांग्रेस भी उपेक्षा नहीं कर सकती है। बीजेपी राम मंदिर की आड़ में किसी ना किसी बहाने कांग्रेस को घेरने में लगी है। यही वजह है कि राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने में जुटी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि अगर केंद्र में यूपीए की सरकार होती तो भी राम मंदिर बन जाता।

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भाजपा लगाई है ये उम्मीद

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद उम्मीद थी कि इस पर दशकों पर जारी सियासत पर विराम लग जाएगा, लेकिन शायद सियासत ही नहीं चाहती कि ये मुद्दा शांत हो। बीजेपी को सत्ता के केंद्र में लाने में इस मुद्दे ने अहम भूमिका निभाई थी। यही वजह है कि भाजपा 2024 के चुनाव में इसे भुनाकर सत्ता की चाबी फिर से अपने पास बने रहने की उम्मीद कर रही है। हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा की मंदिर निर्माण के बाद लोगों के लिए ये मुद्दा नई सरकार के चुनाव का आधार बनता है या जनता अपने बुनियादी मुद्दों पर मतदान करती है।