Queen of Fruits ‘Noorjehan’ अलीराजपुर। आम को फलों का राजा कहा जाता है, लेकिन आज हम आपको इस फल की रानी याने नूरजहां आम से मिलवाते है। जी हाँ ! अलीराजपुर का प्रसिद्ध नूरजहाँ आम अपने आकार और वज़न की वजह से देश में पाये जाने वाले आमो की तमाम किस्मो में अपनी अलग ही पहचान रखता है। अपनी तरह का इकलौता नूरजहाँ आम सिर्फ अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा गाँव में पाया जाता है। क्या है इस आम की विशेषता और क्यों है यह आम सबसे अलहदा देखिये यह रिपोर्ट।
3 से 5 किलो होता है एक आम का वजन
अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा गाँव के शिवराज सिंह जाधव के बगीचे में पाया जाने वाला नूरजहां आम अपने आप में बेहद खास है। अपने स्वाद में यह बेजोड़ तो है ही, लेकिन इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका आकर और वजन है। तस्वीरो में अभी सामान्य आकर और वजन का दिखने वाला यह आम सामान्यतः एक पपीते से भी बड़ा और ज्यादा वजन का होता है। नूरजहां आम के बगीचे के मालिक शिवराज सिंह जाधव बताते है कि इस प्रजाति के एक आम का वजन 3 किलो से ले कर 5 किलो तक होता है। इतना ही नहीं इसके एक फल की कीमत 1000 से लेकर 1200 रूपये होती है।
पूरे देश में इस प्रजाति के तीन ही पेड़
प्रदेश में सिर्फ शिवराज सिंह जाधव के बगीचे में पाये जाने वाले इस आम के नाम का किस्सा भी दिलचस्प है। शिवराज सिंह के अनुसार आज से पचास साल पहले उनके पिता ने आम की दो किस्मो जहांगीर और गुजरात के राजापूरी को ग्राफ्ट कर इसे तैयार किया था और अभिनेत्री नूरजहां के नाम पर इसका नामकरण किया था। पूरे देश में नूरजहां आम की इस प्रजाति के तीन ही पेड़ हैं और तीनों ही शिवराज सिंह के बगीचे में है। कई बार उद्यानकी विभाग और खुद शिवराज जाधव के द्वारा इसके विस्तार की कोशिश की गयी, परन्तु अभी तक इसकी संख्या बढ़ाई नहीं जा सकी।
नूरजहां आम की प्रसिद्धि का आलम यह है कि आम का सीजन आते ही इसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी और आम के शौकीन कट्ठीवाड़ा पहुंचते है। इतना ही नहीं इस आम को पाने के लिए इसके शौकीनों को प्री-बुकिंग कर कई महीनो का इंतज़ार भी करना पड़ता है। चूंकि तीन पेड़ होने की वजह से सीमित मात्रा इसका उत्पादन होता है, लिहाज़ा कई लोगो के हाथ निराशा भी लगती है। जाधव परिवार की करीब तीन पीढ़ियों के लिए नूरजहां आम उनकी आय का एक बड़ा ज़रिया भी रहा है। अपने बगीचे में 35 से ज्यादा आमो की पैदावार करने वाले जाधव परिवार की नई पीढ़ी भी अब इसी काम को आगे बढ़ाना चाहती है।
परिवार की तीसरी पीढ़ी के युवा सदस्य दिव्यराज कहते है कि नूरजहाँ आम के विकास को लेकर वे काफी गंभीर है। दिव्यराज सरकार के साथ मिल कर वे इसकी नई पौधा तैयार करना चाहते है ताकि अपने आप में अनूठी आम की यह प्रजाति विलुप्त न हो और इससे आगे आने वाली पीढ़ियों को भी अन्य ग्राफ्टेड प्राजतियां मिल सके। इस किस्म के आम के अब तीन ही पेड़ बचे है, ऐसे में इनके संरक्षण की महती आवश्यकता है। हालांकि उद्यानिकी विभाग ने इस बार इस आम की प्रजाति के विकास के लिए प्रयास शुरू किये है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रजाति के और पौधे विकसित हो पाएंगे, जिससे इसे विलुप्त होने से बचाया जा सकेगा। IBC24 से वैभव शर्मा की रिपोर्ट
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