केंद्र ने मध्य प्रदेश सरकार को भेजा शोकॉज नोटिस, लैप्स हो सकता है 21 करोड़ का बजट, इस अभियान में हुई बड़ी लापरवाही

show cause notice to MP government : मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लैगशिप योजना पोषण अभियान में बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ

केंद्र ने मध्य प्रदेश सरकार को भेजा शोकॉज नोटिस, लैप्स हो सकता है 21 करोड़ का बजट, इस अभियान में हुई बड़ी लापरवाही

Section 144 implemented

Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: September 8, 2022 10:26 am IST

भोपाल : show cause notice to MP government : मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लैगशिप योजना पोषण अभियान में बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। इसे लेकर केंद्र ने राज्य सरकार को शोकॉज नोटिस दिया है। केंद्र सरकार ने पोषण अभियान में तीन साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का हर महीने डोर-टू-डोर सर्वे नहीं होने पर गंभीर आपत्ति जताई है। साथ ही चेताया है कि इस रवैये से राज्य को मिलने वाला 21 करोड़ का बजट लैप्स हो जाएगा।

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लक्ष्य पूरा करने में असफल है मध्यप्रदेश

show cause notice to MP government : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की उपसचिव रेशमा रघुनाथन नायर ने महिला बाल विकास विभाग के एसीएस अशोक शाह के नाम 15 जुलाई को नोटिस भेजा था। नोटिस के बाद शासन ने क्रियान्वयन प्रक्रिया जारी रहने का जवाब दिया है। पोषण अभियान में डिस्बर्समेंट लिंक्ड इंडीकेटर्स को लेकर सभी राज्यों को शर्तों के साथ बजट मिलता है। पोषण अभियान ट्रैकर के लिए स्मार्टफोन की बिड बार-बार स्थगित कर दी गई। मध्यप्रदेश लक्ष्य पूरा करने में असफल है।

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नियमित होनी चाहिए बच्चों की ग्रोथ की माॅनिटरिंग

show cause notice to MP government : राज्य को हर महीने तीन साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का डोर टू डोर सर्वे करना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मूल काम है कि गांवों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस के शिविर लगाए जाए लेकिन हेल्प डेस्क स्टाफ नहीं रखा गया। बच्चों की ग्रोथ की माॅनिटरिंग नियमित होनी चाहिए। इसके लिए 23 जून को भी पत्र लिखा गया था।

मध्य प्रदेश में 97 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन महीने से पूरा मानदेय नहीं मिल रहा है। जुलाई और अगस्त में मानदेय की साढ़े 5 हजार की आधी किस्त ही दी गई। सितंबर महीने में दोनों किस्त खातों में नहीं आई हैं। इसके चलते भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांवों में डोर-टू-डोर सर्वे नहीं कर रही हैं।

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