File Coding System in RDVV

File Coding System in RDVV : RDVV में फाईल कोडिंग सिस्टम लागू, अब आसानी से मिलेगी दस्तावेजों की जानकारी, बस करना होगा ये काम

File Coding System in RDVV : फाइलों को ढूढने में ही लंबा वक्त लगता है। इन्ही बातों को देखते हुए दोनों विभागों की फाइलों के लिए अलग-अलग कोड बनाए जाएगें।

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Reported By: Abhishek Sharma

Modified Date:  April 5, 2024 / 12:01 PM IST, Published Date : April 5, 2024/11:35 am IST

File Coding System in RDVV : जबलपुर। व्यवस्थाओं और मनमर्जी के गढ़ बन चुके जबलपुर के रानी दुर्गावती विवि में अव्यवस्थाओं के खिलाफ लड़ाई का पुख्ता हथियार मानते हुए फाईल कोडिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है। ताकि फाइलों के गुमने की समस्या से निजात मिल सकें और स्टूडेंट्स को विवि के बार बार चक्कर न लगाने पड़े।

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File Coding System in RDVV : दरअसल आरडीविवि में अक्सर ऐसा होता है कि विभिन्न विषयों अथवा प्रकरणों से संबंधित नस्तियाँ महीनों तक एक ही विभाग में अटकी रह जाती हैं, लेकिन समस्या उस वक्त तब खड़ी होती है जब इन्हें ट्रैक करना हो। इन्ही परेशानियों को देखते हुए आरडीविवि प्रशासन ने नस्तियों के निष्पादन की सुगमता और सरलीकरण के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं। जिसके अनुसार हर नस्ती यानी फ़ाइल पर एक यूनिक कोर्ड दर्ज किया जाएगा,जिसमें नस्ती क्रमांक, माह और विभाग की जानकारी होगी,इस यूनिक कोड से नस्ती को ट्रैक करना भी आसान होगा। साथ ही यह पता चल सकेगा कि कौन सी फ़ाइल यानी नस्ती, किस स्टेज पर है,किस विभाग में कब तक रुकी रही, इसकी जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

File Coding System in RDVV : बता दें कि रानी दुर्गावती विवि के प्रबंधन से जुड़े 24 विभागों और शिक्षण कार्य से जुड़े 30 विभाग है। जिनमे कई जरूरी फाइलें भी महीनों तक अटकी रहती है,और इन विभागों में फाइलों का अंबार लगा होने के कारण जरूरी फाइलों को ढूढने में ही लंबा वक्त लगता है। इन्ही बातों को देखते हुए दोनों विभागों की फाइलों के लिए अलग-अलग कोड बनाए जाएगें। जिसके तहत नोट शीट के ऊपरी हिस्से में विभाग का नस्ती कोड, वर्ष, माह और नस्ती क्रमांक अंकित किया जाएगा।

File Coding System in RDVV : आरडीविवि के कुलसचिव दीपेश मिश्रा के मुताबिक विवि के नवागत कुलपति प्रो. राजेश वर्मा के निर्देश पर यह प्रक्रिया नवाचार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है,इसके साथ ही निकट भविष्य में ई-फाइलिंग में डाटा ट्रांसफर करने में भी सुविधा होगी। नई व्यवस्था से एक फ़ाइल किसी विभाग में कब तक रुकी रही, यह ट्रैक करना आसान होगा। साथ ही प्रकरणों और कार्यों का निपटारा जल्दी होगा।

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