Kabaad se jugaad school: मंडला। शिक्षक दिवस के मौके पर आज हम आपको प्राथमिक शाला के एक ऐसे शिक्षक के बारे में बताते है जो बच्चो को आकर्षित करने के लिए कबाड़ से जुगाड़ कर शिक्षा देते है। अगर बच्चो को अ – अनार पढ़ाना है। तो ये किताबो से नहीं पेड़ दिखाकर पढ़ाते है। शिक्षक ने छोटे- छोटे बच्चों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के लिए अपने स्कूल के मैदान के गेट से लेकर स्कूल की कक्षाओं तक इतने नवाचार किए है। अगर कोई बच्चा इस स्कूल में आ जाए तो बिना सीखे नहीं जा सकता है। यहां के शिक्षक के बदौलत ये स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है।
ये भी पढ़ें- ‘मदद का लिफाफा’! शादी-ब्याह में न सही लेकिन इन स्थानों पर जरूर ले जाएं लिफाफा, जानिए किसने शुरू की खास परंपरा
Kabaad se jugaad school: जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल गांव है टिकरिया के प्राथमिक शाला टिकरिया के शिक्षक प्रियदर्शन पटेल के नवाचार ने बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतरीन मिशाल पेश की है। यहां के शिक्षक ने स्कूल के गेट से लेकर कक्षा की दिवारों तक को पाठ्य सामग्री से रंग दिया है। जहां हिन्दी के अ से लेकर ज्ञ तक के शब्दों को अपने किचिन के गार्डन से तैयार किया है। वही अंग्रेजी और गणित के शब्दो को कबाड़ से जुगाड़ और टायरो के माध्यम से आसान कर दिया है।
Kabaad se jugaad school: प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक प्रियदर्शन पटेल बच्चों में पढ़ाई की रुचि जगाने के लिए खेल-खेल में गणित और अन्य विषयों की शिक्षा दे रहे हैं। इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ पद्धति अपनाते हैं। अ से ज्ञ तक के शब्दों को सिखाने के लिए पेड़ो और पौधो की मदद, कंकड़, पत्थर के अलावा गाड़ियो के पहिए समेत खुद ही नाच-नाच कर गणित के सवालों को हल कराते हैं। इसके साथ ही बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके इसके लिए शिक्षक ने स्कूल में स्मार्ट टीव्ही और कम्प्यूटर भी लगा रखा है। जिसके माध्यम से बच्चो को हर वो शिक्षा दी जा सके। जो प्राइवेट स्कूलो में दी जाती है।
ये भी पढ़ें- फिल्म समीक्षको की खैर नहीं ! खराब रेटिंग देने वाले critics को मौत के घाट उतार रहे सलमान…
Kabaad se jugaad school: स्कूल में आने वाले बच्चे भी कभी पढ़ते समय बोर नही होते है। आलम ये है कि बच्चे रोजाना ही स्कूल पहुंचते है और खेल-खेल में शिक्षा ग्रहण करते है। आपको जानकर ये हैरानी होगी कि पहली से पांचवी तक के पढ़ने वाले बच्चो को अपनी गांव के सरकार के नेताओ से लेकर प्रधानमंत्री तक का नाम मालूम है। नवाचार करने वाले शिक्षक बताते है कि हमारे यहां तीनो तरफ प्राइवेट स्कूल है। ऐसे में बच्चो को और उनके परिजनो को कैसे अपने तक जोड़े इसके लिए कबाड़ से जुगाड़ कर नवाचार किया है। शिक्षक बताते है कि बच्चो को स्कूल में 6 घंटो तक रोकने और उन्हे अच्छी शिक्षा देने के लिए खेल-खेल में पढ़ाई कराते है। स्कूल में पढ़ाई के अलावा बरगद के पेड़ के नीचे बच्चो को ध्यान करना भी सिखाया जाता है।
Kabaad se jugaad school: स्कूल के प्रचार्य बताते है कि बच्चो के हम दोस्त बनकर हम उन्हे पढ़ाई कराते है और शिक्षक प्रियदर्शन पटेल का बच्चो के प्रति काफी लगाव है। जिस कराण से बच्चों के लिए नए- नए नवाचार करते रहते है। स्कूल के प्रधानाचार्य अपने सहायक शिक्षक की जमकर तारीफ करते नजर आए। सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही दिमाग में एक ऐसी छवि उभरती है कि जहां पढ़ाई नहीं होती। लेकिन प्राथमिक शाला के शिक्षक प्रियदर्शन ने दर्शन शास्त्र का सहारा लेकर बच्चों के भविष्य को सवारने की ठानी है। प्राथमिक शाला टिकरिया के शिक्षक प्रियदर्शन पटेल के इस नवाचार ने स्कूल की तस्वीर तो बलली ही है साथ ही शिक्षकों के लिए एक मिशाल भी पेश की है।
IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Jabalpur Scrap Godown Blast : NIA की टीम कर रही…
38 mins ago