30 alligators released in Chambal river

चंबल नदी में छोड़े गए 30 घड़ियाल, 200 घड़ियालों का है टारगेट, जानें पूरी खबर

30 alligators left in Chambal river: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित देवरी घड़ियाल संरक्षण केंद्र ने 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ दिया।

Edited By :   Modified Date:  December 23, 2022 / 01:11 PM IST, Published Date : December 23, 2022/1:11 pm IST

30 alligators left in Chambal river : मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित देवरी घड़ियाल संरक्षण केंद्र ने 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ दिया। इनमें 9 नर व 21 मादा हैं, मई 2020 में इन घड़ियालों के अंडों को यहां लाया गया था, ढाई साल तक घड़ियाल केंद्र में इनका पालन-पोषण किया गया था,डीएफओ स्वरूव दीक्षित के मुताबिक कुल 200 घड़ियाल छोड़े जाने हैं, देवरी घड़ियाल केंद्र में पल रहे 30 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा।

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30 alligators left in Chambal river : देवरी घड़ियाल केन्द्र में पाले गए 2020 बेच के 200 घड़ियालों में से 30 घड़ियाल चंबल नदी के किनारे डांग बसई क्षेत्र में छोड़ दिए है। इनमें से 50 घड़ियाल श्योपुर के कूनों के पास चंबल नदी और 120 घड़ियाल धौलपुर के बीच चंबल नदी के राजघाट के आसपास छोड़े जाएंगे। घड़ियाल केन्द्र पर वर्तमान में 350 घड़ियाल पल रहे हैं। इनमें से ऐसे घड़ियाल जिनको ढाई से तीन साल हो गई और उनकी लंबाई 120 सेमी की हो चुकी है उन्हें रिलीज करने की तैयारी कर ली गई है। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार सौ घड़ियाल अधिक छोड़े जा रहे हैं।

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30 alligators left in Chambal river : बता दें कि देवरी घड़ियाल केंद्र में पल रहे घड़ियालों को पेटियों में पैक करने के बाद सुरक्षित डांग बसई क्षेत्र में छोड़े गए है। हर साल 200 अंडे कलेक्ट किए जाते हैं और उनको देवरी घड़ियाल केंद्र पर उचित तापमान पर रखा जाता है, मई से जून महीने के बीच अंडों से बच्चे बाहर आते हैं, उनका ढाई से 3 साल तक केंद्र पर पालन पोषण किया जाता है जैसे ही उनकी लंबाई 120 सेंटीमीटर की हो जाती है तो इनको चंबल नदी के अलग-अलग घाटों पर छोड़ दिया जाता है। चम्बल नदी में छोड़े गए घड़ियालो में 9 नर एवं 21 मादा है, 21 घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा जाएगा।

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हर साल दिसंबर में मुरैना के देवरी घड़ियाल पालन केंद्र से 100 घड़ियालों को राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य यानी चंबल नदी में छोड़ा जाता है। इस साल भी चंबल किनारे मौजूद गांव डांग बसई घाट व बाबू सिंह का पुरा घाट से 100 घड़ियालों को 20 से 25 दिसंबर के बीच छोड़ने की तैयारी है। मादा घड़ियालों की तुलना में नर घड़ियाल 10 प्रतिशत ही होते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि इनके कुनबे की बढ़ोतरी में दिक्कत होती है। अलबत्ता एक नर घड़ियाल कई मादा घड़ियालों के साथ संबंध बनाता है। इस तरह इनका वंश बढ़ता जाता है, एक मादा एकबार में सामान्यत: 30 से 50 अंडे देती है।

 

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