मप्र में डेढ़ साल बाद खुले कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल |

मप्र में डेढ़ साल बाद खुले कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल

मप्र में डेढ़ साल बाद खुले कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : September 20, 2021/7:28 pm IST

भोपाल, 20 सितंबर (भाषा) मध्य प्रदेश में कोविड-19 महामारी के चलते डेढ़ साल तक बंद रहने के बाद सोमवार से कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल फिर से खुल गए हैं। हालांकि, सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी पहुंचे, लेकिन अधिकतर निजी स्कूलों के विद्यार्थी स्कूल नहीं पहुंचे क्योंकि उनकी तिमाही परीक्षाएं आज से ऑनलाइन निर्धारित थीं। इसलिए उन्होंने घर से ही अपनी परीक्षाएं दीं।

राज्य सरकार ने करीब एक सप्ताह पहले फैसला कर 20 सितंबर से प्राथमिक स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया था और स्कूलों में विद्यार्थियों की 50 प्रतिशत प्रत्यक्ष उपस्थिति की अनुमति दी है। बाकी 50 प्रतिशत बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।

विद्यार्थियों ने स्कूलों में कक्षाओं के फिर से शुरू होने पर खुशी व्यक्त की है, लेकिन कई अभिभावकों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण प्रदेश में अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, इसलिए इसके डर से वे अपने बच्चों को अभी स्कूल नहीं भेजेंगे।

भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने भाषा से कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के कारण इन बच्चों के स्कूल 24 मार्च 2020 से बंद थे। डेढ़ साल के बाद आज से ये फिर से खुल गए हैं और सरकारी स्कूलों में बच्चे पहुंचे भी। लंबे अंतराल के बाद विद्यार्थी स्कूलों में लौटने पर उत्साहित दिखे। जिन बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ने के लिए मोबाइल नहीं थे, वे बच्चे अत्यधिक प्रसन्न हैं। हालांकि, कोरोना का डर अब भी बना हुआ है।’’

यह पूछे जाने पर कि कुल कितने प्रतिशत बच्चे स्कूल पहुंचे, उन्होंने कहा कि अभी आंकड़े नहीं आए हैं, लेकिन काफी बच्चे सरकारी स्कूलों में पहुंचे।

सक्सेना ने कहा कि स्कूलों को कोविड-19 रोधी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है और कुल संख्या में से आधे-आधे विद्यार्थियों को एक दिन छोड़कर कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल ऑनलाइन कक्षाएं पहले की तरह जारी रहेंगी।

वहीं, ज्ञान गंगा इंटरनेशनल अकादमी के निदेशक और एसोसिएशन ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स के उपाध्यक्ष विनी राज मोदी ने कहा, ‘‘अधिकतर निजी स्कूलों में बच्चों की आजकल तिमाही परीक्षा चल रही है और वे ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। इसलिए जहां परीक्षाएं हो रहीं है, वे स्कूल आज नहीं खुले। कुछ स्कूल खुले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निजी स्कूलों के 25 प्रतिशत बच्चों को उनके अभिभावकों ने स्कूल भेजने की सहमति दी है और तिमाही परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अगले सप्ताह से सभी निजी स्कूलों के बच्चे स्कूल में आना शुरू कर देंगे।’’

वहीं, भोपाल स्थित रेड रोज स्कूल और प्राथमिक स्कूल एसेंस के शिक्षकों ने बताया कि बच्चों की ऑनलाइन तिमाही परीक्षाएं होने के कारण कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यार्थी आज स्कूल नहीं आए। उन्होंने कहा कि जब ये परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी, उसके बाद ये बच्चे स्कूल आएंगे।

इस बीच, जवाहरलाल नेहरू स्कूल भोपाल में पांचवीं में पढ़नेवाले एक छात्र की मां रेखा नेगी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी प्रदेश में अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। इसलिए इसके डर से मैं अपने बच्चे को अभी स्कूल नहीं भेजूंगी। इसके अलावा, वैन एवं स्कूल बस में भी बच्चा कोरोना वायरस की चपेट में आ सकता है, क्योंकि इनमें बड़ी तादाद में बच्चों को ले जाया जाता है।’’

इसी प्रकार की आशंका अन्य कई अभिभावकों ने जताई।

मध्य प्रदेश में स्कूलों में छठी से 12वीं तक नियमित कक्षाएं 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ पहले ही शुरू कर दी गई हैं।

स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार रविवार को मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मात्र आठ नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 7,92,394 हो गई, जिनमें से 10,517 लोगों की मौत हो चुकी है और 96 मरीजों का अभी उपचार चल रहा है। बाकी सभी लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

भाषा रावत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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