थम गया चुनाव-प्रचार.. अब वोटिंग का इंतजार। उपचुनाव की जंग..पलड़ा किसका भारी?

The election campaign has ended.. Now waiting for voting. The battle of by-elections.

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  • Publish Date - October 27, 2021 / 10:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

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भोपालः मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट समेत पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट विधानसभा उपचुनाव के लिए आज शाम प्रचार का शोर थम गया। प्रत्याशी अब डोर-टू-डोर कैंपेन कर सकेंगे। आखिरी दिन पार्टी के स्टार प्रचारकों ने अपने उम्मीदवारों के लिए चुनावी सभाएं लीं। इस दौरान दावे और आरोप-प्रत्यारोप भी अपने चरम पर रहा। जीत के लिये कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी रणनीति के तहत पुरजोर ताकत लगाई। जाहिर है 30 अक्टूबर को मध्यप्रदेश की 4 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसके लिए किसकी तैयारी कैसी है और किसका पलड़ा कितना भारी है और कौन से ऐसे मुद्दे हैं। जिनको ध्यान में रखकर जनता वोट डालने जाएगी।

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मध्यप्रदेश की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार शाम को प्रचार थम गया। प्रत्याशी अब केवल डोर टू डोर कैम्पेन कर सकेंगे। इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। चुनाव आयोग ने उपचुनाव के लिये अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।

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30 अक्टूबर को वोटिंग के लिए कुल 3944 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिसमे से 804 सवेदनशील मतदान केंद्र है। चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न करवाने के लिए कुल 26 हजार 800 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा 50 से ज्यादा कम्पनियों के 16 हजार जवान तैनात रहेंगे। निष्पक्ष मतदान के लिए 50 फीसदी केंद्रों पर वेबकास्टिंग और CCTV की व्यवस्था की गई है। मतदान केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा। नई गाइडलाइन के तहत एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता हो सकते है। चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से निर्वाचन आयोग में 50 शिकायतें की गई तो बीजेपी ने कांग्रेस की 60 शिकायतें की है। चुनाव प्रचार थमने के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दावा कर रही है कि जनता का आशीर्वाद उन्हें ही मिलेगा।

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इन उप चुनावों के नतीजों से सरकार की सेहत पर जरा भी फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन 4 सीटों पर आऩे वाले ये नतीजे शिवराज सरकार के काम की परीक्षा माने जा रहे हैं। जीत किसकी होगी ये तो 2 नवंबर को पता चलेगा। फिलहाल चुनाव प्रचार थमने के बाद सबको शनिवार को होने वाले वोटिंग का इंतजार है। लिहाजा आने वाले 72 घंटे निर्णायक रहने वाले है।

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