हास्य कलाकार फारुकी के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं होने से साल भर से ज्यादा समय से अटका मुकदमा |

हास्य कलाकार फारुकी के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं होने से साल भर से ज्यादा समय से अटका मुकदमा

हास्य कलाकार फारुकी के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं होने से साल भर से ज्यादा समय से अटका मुकदमा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : February 11, 2022/5:45 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 11 फरवरी (भाषा) हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप में हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी और अन्य लोगों के खिलाफ इंदौर में प्राथमिकी दर्ज होने को साल भर से ज्यादा वक्त बीत चुका है। लेकिन राज्य सरकार की अनुमति के अभाव के कारण पुलिस जिला अदालत में अब तक आरोप पत्र पेश नहीं कर सकी है।

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि शहर के तुकोगंज थाने में जनवरी 2021 के दौरान दर्ज इस बहुचर्चित मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के तहत आरोप पत्र पेश किए जाने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।

तुकोगंज थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बताया, ‘‘हमें फारुकी और मामले में आरोपित अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी अब तक नहीं मिली है।’’

अभियोजन सूत्रों ने बताया कि मुकदमे में शुक्रवार को जिला अदालत में सुनवाई की तारीख तय थी और पुलिस को आरोप पत्र पेश करना था। लेकिन पिछली कुछ तारीखों की तरह इस तारीख को भी आरोप पत्र पेश नहीं किया जा सका।

अदालत ने मुकदमे में अगली सुनवाई के लिए 10 मार्च की तारीख तय की है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुकदमे में अदालत में आरोप पत्र पेश करने की अनुमति के लिए इंदौर पुलिस की ओर से राज्य सरकार को 29 जनवरी 2021 को पत्र भेजा गया था।

उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के हवाले से बताया कि भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 295-ए के तहत दर्ज किसी मामले में अदालत में आरोपपत्र पेश किए जाने से पहले राज्य सरकार से अनुमति लिया जाना कानूनन जरूरी है।

पुलिस ने भाजपा की एक स्थानीय विधायक के बेटे की शिकायत पर धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के मामले में फारुकी और चार अन्य लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए तथा अन्य प्रावधानों के तहत एक जनवरी 2021 की रात शहर के एक कैफे से गिरफ्तार किया था।

फारुकी इंदौर के केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत के तहत 35 दिन बंद रहे थे। उन्हें मामले में उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद छह फरवरी 2021 को देर रात जेल से रिहा किया गया था। भाषा हर्ष मनीषा

मनीषा

 

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