बारामती में मतदान को लेकर अजित और शरद पवार के बयानों पर दोनों खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप |

बारामती में मतदान को लेकर अजित और शरद पवार के बयानों पर दोनों खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

बारामती में मतदान को लेकर अजित और शरद पवार के बयानों पर दोनों खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप

:   Modified Date:  April 12, 2024 / 08:32 PM IST, Published Date : April 12, 2024/8:32 pm IST

मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की लोकसभा चुनाव में बारामती में एक ‘पवार’ को वोट देने की मतदाताओं से की गई अपील और उनके चाचा शरद पवार की ‘बाहरी’ संबंधी टिप्पणी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों प्रतिद्वंद्वी खेमों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इन दोनों नेताओं के बयानों ने लैंगिक पूर्वाग्रह के मुद्दे को भी हवा दी है जो समाज में गहरी पैठ बनाए हुए है।

बारामती संसदीय क्षेत्र पवार परिवार का गढ़ रहा है। पहली बार यहां पवार परिवार के ही दो सदस्य आमने-सामने हैं। अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को खड़ा किया है, वहीं राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने यहां से सांसद सुप्रिया सुले को ही उम्मीदवार बनाया है।

पिछले साल जुलाई में अजित पवार के विद्रोह करने और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने और पार्टी में विभाजन के बाद से यह पहला बड़ा चुनाव है जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट आमने-सामने हैं।

सुप्रिया सुले राकांपा संस्थापक शरद पवार की इकलौती संतान हैं। उनका मुकाबला चचेरे भाई अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार से है। सुनेत्रा पवार सत्तारूढ़ महायुति की उम्मीदवार हैं, जबकि सुले महा विकास आघाडी (एमवीए) की उम्मीदवार हैं।

अजित पवार ने इस सप्ताह की शुरुआत में बारामती में प्रचार करते हुए मतदाताओं से कहा कि उन्होंने उनके चाचा की बेटी को तीन बार चुना है, लेकिन अब उन्हें चाचा की पुत्रवधू को चुनना चाहिए।

इस बयान पर चुटकी लेते हुए शरद पवार ने बाद में कहा, ‘‘उन्होंने जो कहा उसमें गलत क्या था। लेकिन एक अंतर है। एक असली पवार है और दूसरे बाहर से आये हैं।’’

इन बयानों पर दोनों खेमों से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।

राकांपा (एसपी) के विधायक जितेंद्र अव्हाड ने कहा, ‘‘अगर सुप्रिया सुले अपने पहले के उपनाम का फायदा उठाना चाहतीं तो खुद को सुप्रिया शरद पवार सुले कहतीं। लेकिन शादी के बाद उन्होंने कभी पवार उपनाम का इस्तेमाल नहीं किया।’’

महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और अजित पवार खेमे की नेता रूपाली चाकणकर ने कहा कि यह देखना दुखद है कि शरद पवार अपनी पुत्रवधू को बाहरी मानते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार राही भिडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह अजित पवार और शरद पवार दोनों के ही बयानों से असहमत हैं।

उन्होंने पवार उपनाम पर मतदान करने की अजित पवार की अपील का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘लैंगिक पूर्वाग्रह का विषय समाज में गहरे तक पैठ बनाए है। क्या सुनेत्रा की अपनी कोई पहचान नहीं है?’’

एक और वरिष्ठ पत्रकार जतिन देसाई ने कहा कि पितृ सत्तात्मक समाज महिलाओं को समानता की दृष्टि से नहीं देखता।

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)