आगामी बीएमसी चुनावों में जीत के लिए भाजपा की नजर उत्तर भारतीय मतदाताओं पर |

आगामी बीएमसी चुनावों में जीत के लिए भाजपा की नजर उत्तर भारतीय मतदाताओं पर

आगामी बीएमसी चुनावों में जीत के लिए भाजपा की नजर उत्तर भारतीय मतदाताओं पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : May 12, 2022/7:07 pm IST

मुंबई, 12 मई (भाषा) बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आगामी चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शहर के उत्तर भारतीय मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है।

देश के सबसे धनवान नगर निगम का संचालन शिवसेना दो दशक से अधिक समय से कर रही है।

एक अनुमान के मुताबिक मुंबई में 40 लाख से अधिक मतदाता हैं जो उत्तर भारत से और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश तथा बिहार ताल्लुक रखते हैं। भाजपा की नजर इस समुदाय के बड़े वर्ग का मत हासिल करने पर है।

भाजपा ने उपनगर गोरेगांव में 15 मई को एक बड़ी रैली की योजना बनाई है। इससे एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की शहर में रैली होगी।

कांग्रेस के पूर्व नेत राजहंस सिंह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं, वहीं राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता कृपाशंकर सिंह को बीएमसी चुनाव से पहले भाजपा के उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ का प्रभारी बनाया गया है।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘2017 के बीएमसी चुनाव में भाजपा ने शिवसेना से अलग होकर चुनाव लड़ा और कांटे की टक्कर दी। हालांकि भाजपा ने शिवसेना को और अधिक परेशान नहीं करने का विचार करके पांच और साल के लिए बीएमसी का नियंत्रण शिवसेना के हाथों में जाने दिया।’’

भाजपा-शिवसेना ने 2014 से 2019 के बीच राज्य में और केंद्र की सत्ता में साझेदारी की थी, लेकिन उनके संबंध टूटने के बाद सुधर नहीं सके।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मुंबई में 40 लाख से अधिक मतदाता हैं जो उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं। यह संख्या मुंबई के कुल मतदाताओं की एक तिहाई से थोड़ी ही कम है। बीएमसी के कुल 227 वार्डों में से करीब 40 में इनकी अच्छी खासी मौजूदगी है। उनकी अन्य 50 वार्डों में भी निर्णायक मौजूदगी है।’’

पार्टी के एक और नेता ने कहा, ‘‘भाजपा कुछ समारोह आयोजित कर इन मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। हमने मतदाताओं का इस आधार पर वर्गीकरण तैयार किया है कि वे किस क्षेत्र से यहां आये हैं। इसके आधार पर हमारा प्रचार और संपर्क अभियान तैयार किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि चुनौती केवल यह है कि हम इस समय महाराष्ट्र की सत्ता में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप राज्य की सत्ता में होते हैं तो मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। लेकिन हमारे पोल खोल अभियान को अच्छा समर्थन मिल रहा है क्योंकि लोगों को पता चल रहा है कि शिवसेना के अधीन बीएमसी किस तरह भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन में लिप्त है।’’

मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे सहित राज्य के कुछ बड़े शहरों में नगर निगम चुनाव जल्द होने हैं। उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया था।

भाषा वैभव नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)