मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने सिविक वार्डों के प्रस्तावित परिसीमन पर नागरिकों से सुझाव और आपत्ति मांगने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सोमवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति अमजद सैयद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने दो याचिकाकर्ताओं नीतेश राजहंस सिंह (भारतीय जनता पार्टी) और सागर देवरे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह राज्य निर्वाचन आयोग के उस बयान को मंजूर करती है कि श्रमबल की कमी के कारण उसने चुनावी उद्देश्यों के लिए अपने प्रतिनिधियों के तौर पर राज्य के अधिकारियों को नियुक्त किया है और वार्डों के परिसीमन पर कोई भी अंतिम निर्णय केवल आयोग ही लेगा।
बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है और निकाय चुनाव इस साल के अंत में होने हैं।
जनहित याचिका में एक फरवरी को जारी की गई बीएमसी की अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गयी है। बीएमसी ने वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 किए जाने का प्रस्ताव दिया है।
याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलील यह थी कि बीएमसी आयुक्त आई एस चहल अधिसूचना जारी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
भाषा गोला शाहिद
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