ठाणे, 28 मई (भाषा) महाराष्ट्र के श्रम मंत्री सुरेश खाडे ने बताया कि ठाणे जिले के डोंबिवली इलाके में पिछले सप्ताह एक रासायनिक कारखाने के ‘रिएक्टर’ में विस्फोट हुआ था, न कि ‘बॉयलर’ में।
खाडे ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि विस्फोट के सही कारण का पता लगाने के लिए नयी दिल्ली की एक विशेषज्ञ टीम जांच करेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, डोंबिवली में स्थित अमुदान रासायनिक कारखाने में 23 मई को हुए विस्फोट में 10 लोगों की मौत हुई थी और 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
खाडे ने संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की और यह पता लगाने के लिए गहन जांच का आश्वासन दिया कि क्या यह घटना मानवीय त्रुटि है या अन्य कारकों के कारण हुई थी।
उन्होंने बताया कि कारखाने में ‘रिएक्टर’ में विस्फोट हुआ था, न कि ‘बॉयलर’ में हुआ था।
खाडे ने बताया, ”कारखाने में कोई ‘बॉयलर’ ही नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में लापता हुए श्रमिक का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं, यदि आवश्यक हुआ तो मलबे की जांच भी की जा सकती है।
श्रम मंत्री ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया।
सुरेश खाडे ने कहा, ”श्रम विभाग कानून के अनुसार इस घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों को मुआवजा देने का प्रयास करेगा।”
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे और घायलों के इलाज का सारा खर्च सरकार उठाएगी।
घटना के बाद पुलिस ने अमुदान रासायनिक कारखाने के मालिक मलय मेहता (38) को गिरफ्तार कर लिया था।
विस्फोट इतना भीषण था कि इससे घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास की कारों, सड़कों और बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचा था।
भाषा प्रीति गोला
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