पटोले को निगरानी में रखें, उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराएं : महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस से कहा |

पटोले को निगरानी में रखें, उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराएं : महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस से कहा

पटोले को निगरानी में रखें, उनके मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराएं : महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : January 24, 2022/8:28 pm IST

पुणे, 24 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को अपनी महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले को “निगरानी में रखना” चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए उनके “शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य” की जांच करानी चाहिए।

पटोले को हाल के एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया था कि वह ‘मोदी’ को गाली देंगे और पीटेंगे, हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि वह भंडारा के एक गुंडे के बारे में बात कर रहे थे, न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में।

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने किसी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ टिप्पणी करने की नीति तैयार की है जो शीर्ष पर है और इस रणनीति के तहत पटोले ऐसे बयान देते रहते हैं।

पाटिल ने कहा, “हम देखेंगे कि पीएम मोदी के खिलाफ उनकी (पटोले की) टिप्पणियों के लिए क्या करने की आवश्यकता है, लेकिन कांग्रेस को उन्हें निगरानी में रखना चाहिए। उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की जांच होनी चाहिए। पटोले इस बात का एक अच्छा उदाहरण है कि ऐसी टिप्पणी करने के लिए कोई किस स्तर तक गिर सकता है।”

पाटिल ने रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उस भाषण को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भाजपा के साथ 25 साल का गठबंधन समय की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि यह भाषण शिवसेना प्रमुख की हताशा को दर्शाता है।

पाटिल ने कहा, “उनका भाषण उग्र था और यह हताशा के कारण था। हमें मत बताएं कि आपने हिंदुत्व छोड़ दिया है या नहीं, जाइए और (नई सहयोगी) कांग्रेस को बताइए। अल्पसंख्यकों को दृढ़ विश्वास के साथ बताएं कि हमें वोट नहीं मिले तो ठीक है, लेकिन हमारा हिंदुत्व मजबूत है।”

मंत्री आदित्य ठाकरे के एक बयान कि राज्यपाल का घर भाजपा नेताओं के लिए एक ‘अड्डा’ बन गया है का जवाब देते हुए पाटिल ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री किसी ऐसे व्यक्ति से मिलने के लिए तैयार नहीं हैं जो किसी राष्ट्रीय पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष है, तो उसे राज्यपाल के पास ही जाना होगा, जो राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है।

पाटिल ने कहा, “यहां पुणे में एक कोविड समीक्षा बैठक को छोड़कर, मैं पिछले 27 महीनों में मुख्यमंत्री से नहीं मिला हूं। हमने बहुत कोशिश की लेकिन वह कभी नहीं मिले।”

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

 

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