मराठी साहित्य सम्मेलन :‘वाचना’ साहित्य के संरक्षण के लिये शोध संस्थान स्थापित करने की मांग |

मराठी साहित्य सम्मेलन :‘वाचना’ साहित्य के संरक्षण के लिये शोध संस्थान स्थापित करने की मांग

मराठी साहित्य सम्मेलन :‘वाचना’ साहित्य के संरक्षण के लिये शोध संस्थान स्थापित करने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : April 24, 2022/8:11 pm IST

लातूर (महाराष्ट्र), 24 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के लातूर जिले में उदगिर स्थित भारत रत्न लता मंगेशकर साहित्य नगरी में आयोजित तीन दिवसीय 95वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में शामिल वक्ताओं ने ‘वाचना’ साहित्य को संरक्षित और उसका प्रसार करने के लिए शोध केंद्र की स्थापना करने की मांग की। यह सम्मेलन रविवार को समाप्त हुआ।

‘वाचना’ का शाब्दिक ‘‘ जो बोला जाता है’’ से है और यह लयबद्ध लेखन की विशेषता लिए हुए है।

वक्ता डॉ.गणेश बेलाम्बे ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार को वाचना साहित्य के सरंक्षण और प्रसार के लिए लातूर में शोध केंद्र की स्थापना करनी चाहिए। इससे लोगों को महात्मा बसवेश्वर की शिक्षाओं को समझने में मदद मिलेगी, जिन्होंने इस साहित्य के जरिये 12वीं सदी में सामाजिक क्रांति लाई थी।’’

इंदुमति सुतार ने कहा कि बसवेश्वर का साहित्य लोगों को कैसे जीवन जिया जाए, इसकी शिक्षा देता है। वहीं डॉ.बसवलिंग पट्टाड्डेवारु ने कहा कि राज्य सरकार को इसके प्रसार के लिए प्रयास करना चाहिए और इसका अनुवाद अन्य भाषाओं में भी किया जाना चाहिए।

भाषा धीरज दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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