धनशोधन मामला : मेडिकल आधार पर जमानत संबंधी नवाब मलिक की अर्जी पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित |

धनशोधन मामला : मेडिकल आधार पर जमानत संबंधी नवाब मलिक की अर्जी पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

धनशोधन मामला : मेडिकल आधार पर जमानत संबंधी नवाब मलिक की अर्जी पर सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

:   Modified Date:  June 16, 2023 / 06:03 PM IST, Published Date : June 16, 2023/6:03 pm IST

मुंबई, 16 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक की पुराने गुर्दा रोग से पीड़ित होने के आधार पर मांगी गयी जमानत का मुंबई उच्च न्यायालय में यह कहते हुए विरोध किया कि कई लोग सिर्फ एक गुर्दा के साथ सामान्य जीवन जी रहे हैं।

ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मलिक को फरवरी 2022 में भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।

मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और उनका यहां एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मलिक ने चिकित्सा आधार पर उच्च न्यायालय से जमानत मांगी थी, जिसमें दावा किया गया था कि वह गुर्दे की पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं।

न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने कहा, ‘‘आदेश सुरक्षित रखा जाता है। मैं अगले सप्ताह तक आदेश पारित करूंगी।’’

मलिक के वकील अमित देसाई ने शुक्रवार को अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य पिछले आठ महीने से बिगड़ रहा है और वर्तमान में वह पुराने गुर्दा रोग के दूसरे से तीसरे चरण में हैं।

देसाई ने कहा, ‘‘बीमारी को भले ही पहले की स्थिति में नहीं ले जाया जा सकता, लेकिन कम से कम उनकी स्थिति को स्थिर किया जा सकता है। सर्जरी करने की जरूरत है। अगर वह इस तरह की तनावपूर्ण स्थिति में बने रहे तो यह अंततः घातक साबित होगा।’’

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने हालांकि दलील दी कि मलिक की हालत उतनी गंभीर नहीं है, जितना दर्शाया जा रहा है।

सिंह ने कहा, ‘‘सिर्फ उनके बायें गुर्दे में समस्या है। दाहिना गुर्दा ठीक से काम कर रहा है। कई बार लोग एक गुर्दा दान कर देते हैं और एक से अपना जीवन व्यतीत करते हैं। वह (मलिक) भी सामान्य जीवन व्यतीत करेंगे।’’

सिंह ने मलिक की चिकित्सा जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित जेजे अस्पताल की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर भरोसा जताया और कहा कि रिपोर्ट कहती है कि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं है।

सिंह ने कहा, ‘‘इस आधार पर कि मलिक तनाव में हैं, इसे (याचिका) स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि आजकल हर कोई तनाव में जी रहा है। तनाव किसे नहीं है।’’

देसाई ने अदालत से मलिक की स्थिति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया।

भाषा सुरेश वैभव

वैभव

 

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