अमरावती(आंध्र प्रदेश), 24 जुलाई (भाषा) प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन ने सतत विकास लक्ष्य-2030 को हासिल करने और एक न्यायसंगत समाज के लिए भविष्य की शिक्षा की जरूरतों को नये सिरे से गढ़ने पर शनिवार को जोर दिया।
कस्तूरीरंगन उस समिति के प्रमुख थे, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति,2020 का मसौदा तैयार किया था।
उन्होंने कहा कि नयी नीति यह सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है कि यह हर नागरिक के जीवन के लिए प्रासंगिक हो और उनकी जरूरतों के अनुरूप हो।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने एसआरएम विश्वविद्यालय-आंध्र प्रदेश द्वारा आयोजित एक व्याख्यान श्रृंखला के दौरान ‘एक जीवंत ज्ञान समाज सृजित करना-21वीं सदी के लिए एक भारतीय रणनीति’ विषय पर एक व्याख्यान में यह कहा।
पूर्व राज्यसभा सदस्य ने इस बात पर जोर दिया कि व्यावसायिक शिक्षा को अंतरस्नातक शिक्षा में समेकित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘व्यावसायिक शिक्षा वृहद शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा है।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग विधेयक को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान पेश किये जाने का बेसब्री से इंतजार है।
भाषा सुभाष दिलीप
दिलीप
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