सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में इस्तेमाल के लिए ले जाई जा रही खेप जब्त की |

सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में इस्तेमाल के लिए ले जाई जा रही खेप जब्त की

सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में इस्तेमाल के लिए ले जाई जा रही खेप जब्त की

:   Modified Date:  March 2, 2024 / 06:00 PM IST, Published Date : March 2, 2024/6:00 pm IST

(फोटो के साथ)

मुंबई, दो मार्च (भाषा) भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चीन से कराची जा रहे एक जहाज को इस संदेह में मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर रोक दिया कि इसमें दोहरे उपयोग वाली खेप थी जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था। शनिवार को यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सीमा शुल्क अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर 23 जनवरी को कराची जा रहे माल्टा का ध्वज लगे व्यापारिक जहाज ‘सीएमए सीजीएम अत्तिला’ को बंदरगाह पर रोका और निरीक्षण के दौरान पता चला कि खेप में इटली में निर्मित एक कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन थी, यह मशीन कंप्यूटर से चलती है और सटीकता व दक्षता के लिए जानी जाती है।

अधिकारियों ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक टीम ने खेप की जांच की और पाकिस्तान की परमाणु परियोजना विशेष रूप से मिसाइल बनाने के लिए महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण में इसके संभावित उपयोग की पुष्टि की।

सीएनसी मशीनें ‘वासेनार समझौते’ के तहत आती हैं। वासेनार एक अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण व्यवस्था है जिसका उद्देश्य नागरिक व सैन्य दोनों उपयोगों वाले उपकरणों के प्रसार को रोकना है। भारत इसका सक्रिय भागीदार है। सीएनसी मशीन का उपयोग उत्तर कोरिया ने अपने परमाणु कार्यक्रम में किया था।

अधिकारियों ने बताया कि विस्तृत जांच में शिपिंग विवरण में कई विसंगतियां दिखाई दीं, जो वास्तविक प्राप्तकर्ताओं के नाम छिपाने का संकेत देती हैं।

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी चीन से पाकिस्तान ले जाई जा रही दोहरे उपयोग वाली सैन्य वस्तुएं जब्त हो चुकी हैं, जिसके चलते अवैध खरीद गतिविधियों को लेकर चिंता बढ़ गई है।

अधिकारियों ने कहा कि जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि क्या इन वस्तुओं को प्राप्त करने वाली संदिग्ध पाकिस्तानी संस्थाएं पाकिस्तान के रक्षा अनुसंधान एवं विकास के लिए जिम्मेदार रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संगठन (डीईएसटीओ) से जुड़ी हैं। अधिकारियों ने बताया कि बंदरगाह के अधिकारियों ने गुप्त सूचना देकर भारतीय रक्षा अधिकारियों को सतर्क किया जिन्होंने खेप का निरीक्षण किया और खेप जब्त कर ली गई।

अधिकारियों ने बताया कि बिल और अन्य विवरण जैसे दस्तावेजों के अनुसार ‘शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक्स कंपनी लिमिटेड’ ने सियालकोट की ‘पाकिस्तान विंग्स प्राइवेट लिमिटेड’ को यह खेप भेजी थी।

हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की गहन जांच में पता चला है कि 22,180 किलोग्राम वजन की यह खेप ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड ने पाकिस्तान में कॉसमॉस इंजीनियरिंग के लिए भेजी गई थी।

यह पहला मामला नहीं है जब भारतीय बंदरगाह अधिकारियों ने चीन से पाकिस्तान भेजी जा रही ऐसी दोहरे उपयोग वाली सैन्य वस्तुओं को जब्त किया है।

पाकिस्तानी रक्षा आपूर्तिकर्ता कॉसमॉस इंजीनियरिंग 12 मार्च, 2022 से निगरानी सूची में है, जब भारतीय अधिकारियों ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर इटली में निर्मित थर्मोइलेक्ट्रिक उपकरणों की एक खेप को रोक दिया था।

फरवरी 2020 में चीन ‘औद्योगिक ड्रायर’ की आड़ में पाकिस्तान को ‘आटोक्लेव’ की आपूर्ति कर रहा था।

‘आटोक्लेव’ चीनी जहाज दाई कुई युन से जब्त किया गया था, जिस पर हांगकांग का झंडा लगा था। वह चीन के जियांगसू प्रांत में यांग्त्ज़ी नदी पर स्थित जियानगिन बंदरगाह से पाकिस्तान के पोर्ट कासिम के लिए रवाना हुआ था।

संभवतः पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम में इस्तेमाल होने वाले आटोक्लेव की जब्ती से यह आशंकाएं मजबूत हो गईं कि पाकिस्तान खुलेआम मिसाइलों के अवैध व्यापार में लिप्त है और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का उल्लंघन कर रहा है।

भाषा जोहेब माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)