बंगाल में बीजेपी का डबल इंजन कभी शुरू ही नहीं होगा- TMC | BJP's double engine in Bengal will never start: Trinamool Congress

बंगाल में बीजेपी का डबल इंजन कभी शुरू ही नहीं होगा- TMC

बंगाल में बीजेपी का डबल इंजन कभी शुरू ही नहीं होगा- TMC

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : February 26, 2021/12:51 pm IST

कोलकाता, 26 फरवरी (भाषा) केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने से पश्चिम बंगाल में विकास की रफ्तार तेज हो जाने के दावे को लेकर भाजपा पर प्रहार करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि भगवा पार्टी का डबल इंजन का जाप राज्य में कभी मूर्त रूप नहीं ले पाएगा। वरिष्ठ तृणमूल नेता और मंत्री ब्रत्य बसु ने संवाददाताओं से कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए भाजपा नेता केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।

पढ़ें- रस्सी से ऑटो खींचते नजर आए शशि थरूर, केंद्र से सवाल…

उन्होंने कहा, ‘‘ इस डबल इंजन की ट्रेन में आम लोगों की सवारी के लिए डिब्बे नहीं होंगे। यदि आप भाजपा शासित राज्यों में हत्याओं की संख्या एवं दलितों एवं महिलाओं पर हमलों को देखें तो ये इंजन बहुत धीमी रफ्तार से चलेंगे।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘… वे यह नहीं बता रहे हैं कि कैसे उसकी सरकार (भाजपा) रेलवे को निजी हाथों में सौंपने के एजेंडे पर काम कर रही है। भगवा पार्टी बंगाल में भी कुछ ऐसा करना चाहती है। वह बस कोरपोरेट घरानों के हित में काम रही है। ’’

पढ़ें- सीएम भूपेश 27 को रायपुर, धमतरी और राजनांदगांव के का…

उन्होंने भाजपा पर मतुआ समुदाय के सदस्यों से झूठा वादा करने और उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पिछड़ी जातियों के साथ भेदभाव बरते जाने का आरोप लगाया। हाल ही में उत्तरी 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में एक रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मतुआ समुदाय के सदस्यों को नागरिकता देने का आश्वासन दिया था।

पढ़ें- कहीं नहीं पहुंचा कुकर, तो किसी स्कूल को मिला कम बर्…

मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान के रहने वाले मतुआ हिंदुओं में कमजोर वर्ग हैं जो विभाजन के दौरान एवं बांग्लादेश बनने के बाद भारत आये थे। उनमें से कई को नागरिकता मिल गयी और बहुतों नागरिकता नहीं मिली। चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की तारीखें घोषित किये जाने के बारे में पूछे जाने पर बसु ने कहा, ‘‘ हम तैयार हैं। हमें चुनाव आयोग द्वारा घोषित चरणों की संख्या से कोई दिक्कत नहीं है। हम तो पिछले 10 सालों से 365 दिन लोगों के बीच हैं।..’’