नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2021-22 के बजट में बुनियादी ढांचा व्यय पर जोर के साथ उसे पॉलीमर और विशेष प्रकार के रसायन जैसे पेट्रोरसायनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
आधिकारिक बयान के अनुसार कृषि, स्वास्थ्य और वाहन जैसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा विकास पर बढ़ते खर्च से पेट्रोरसायन की मांग बढ़ेगी।
इसके अलावा रसायन और पेट्रोरसायन के उत्पादन के लिये नाफ्था जैसे कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती से घरेलू उत्पाद वैश्विक रूप से लागत के हिसाब से प्रतिस्पर्धी होंगे।
बयान में कहा गया है, ‘‘बुनियादी ढांचा व्यय पर जोर के साथ उसे पॉलीमर्स और विशेष प्रकार के रसायन जैसे पेट्रोरसायनों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।’’
इसमें कहा गया है कि सूक्ष्म सिंचाई पर व्यय दोगुना कर 10,000 करोड़ रुपये करने से सिंचाई उत्पादों और सेवाओं के लिये पॉलीमर आधारित ईंधन की मांग बढ़ेगी।’’
इसके अलावा वाहन कबाड़ नीति से नये तथा अतिरिक्त वाहनों की मांग बढ़ने की उम्मीद में भी पॉलीमर और एलास्टोमेर की खपत बढ़ेगी।
भाषा
रमण मनोहर
मनोहर
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