सीआईएल ने दो हाजिर नीलामियों के जरिए खरीदे गए कोयले के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया | CIL lifts ban on export of coal purchased through two spot auctions

सीआईएल ने दो हाजिर नीलामियों के जरिए खरीदे गए कोयले के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया

सीआईएल ने दो हाजिर नीलामियों के जरिए खरीदे गए कोयले के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : June 11, 2021/11:48 am IST

नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिडेट (सीआईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने दो हाजिर नीलामी सुविधाओं के तहत खरीदे गए कोयले के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया है।

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय सीआईएल का कोयला भंडार सात करोड़ टन से थोड़ा अधिक है।

महारत्न कंपनी ने कहा, ‘‘एक प्रमुख नीतिगत बदलाव के तहत सीआईएल ने व्यापारियों सहित घरेलू कोयला खरीदारों के लिए ई-नीलामी योजनाओं की दो श्रेणियों के तहत खरीदे गए कोयले के निर्यात की अनुमति दी है, जो आठ जून से प्रभावी है।’’

कंपनी ने इसके लिए इस सप्ताह अपनी ई-नीलामी कोयला बिक्री नीति में बदलाव किया है।

सीआईएल ने एक बयान में कहा, ‘‘देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक और आपूर्तिकर्ता ने हाजिर ई-नीलामी और विशेष हाजिर ई-नीलामी आउटलेट के माध्यम से खरीदे गए कोयले के निर्यात पर प्रतिबंध हटा दिया है। वर्ष 2007 में हाजिर ई-नीलामी की शुरुआत के बाद से यह अपनी तरह का अनूठा फैसला है।’’

अभी तक ई-नीलामी के तहत खरीदा गया कोयला देश के भीतर उपयोग के लिए था, और इसका निर्यात नहीं किया जा सकता था, हालांकि, अब ताजा संशोधन के बाद दो नीलामी श्रेणियों में सूखे ईंधन के निर्यात का रास्ता खुल गया है।

वित्त वर्ष 2020- 21 में हाजिर ई- नीलामी और विशेष हाजिर ई- नीलामी को मिलाकर कुल 4.60 करोड़ टन कोयले का आवंटन किया गया था। यह कुल आवंटित मात्रा 12.40 करोड़ टन का 37 प्रतिशत है। वित्त वर्ष के दौरान हाजिर ई- नीलामी के तहत 4.25 करोड़ टन सभी पांच नीलामी सुविधाओं में आवंटित होने वाली कोयला मात्रा में सबसे अधिक रही है। इसमें अधिसूचित मूलय से 25 प्रतिशत अधिक प्राप्ति हुई। वहीं विशेष हाजिर ई- नीलामी में 13 प्रतिशत प्रीमियम प्राप्त हुआ।

कंपनी का कहना है कि वह स्वयं सीधे कोयले का निर्यात नहीं कर रही है, वह दो नीलामी खिड़कियों के तहत कोयला खरीदने वालों को इसके निर्यात की अनुमति दे रही है। यदि इस निर्यात को विदेशों से अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है तो कंपनी को ई- नीलामी में अधिक भागीदारी मिल सकती है।

भाषा

पाण्डेय महाबीर

महाबीर

 

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