तिरुवनंतपुरम, 25 फरवरी (भाषा) यूनिसेफ के एक अधिकारी ने कहा कि भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में मातृ एवं शिशु मृत्युदर कम करने और संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने में निजी क्षेत्र की संलिप्तता और गुणवत्ता में प्रणालीगत सुधार अहम है।
यूनिसेफ के क्षेत्रीय सलाहकार (स्वास्थ्य) पॉल रटर ने केरल के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बुधवार को आयोजित वेबिनार को संबोधित किया।
उन्होंने सामुदायिक भागीदारी, सामाजिक जवाबदेही और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में विकेंद्रीकृत शासन के लिए केरल की प्रशंसा की।
रटर ने कहा कि समुदायों में स्थापित मजबूत प्राथमिक स्वास्थ्यसेवा 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने और सभी तक स्वास्थ्यसेवा की पहुंच सुनिश्चित करने का आधार होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र की भागीदारी, गुणवत्ता में प्रणालीगत सुधार स्वास्थ्यसेवा कार्यक्रम की गति तेज करने के लिए अहम हैं।’’
रटर ने कहा कि मृत्युदर को कम करने के लिए आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा बुनियादी ढांचे में सुधार आवश्यक है।
उन्होंने विश्वभर की सरकारों को टीकों एवं दवाइयों संबंधी अनुसंधान को समर्थन देने और स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बजट आवंटन बढ़ाए जाने की सलाह दी है।
भाषा
सिम्मी धीरज
धीरज
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