कोरोना वायरस के नए प्रकार के सामने आने पर देशों ने ब्रिटेन से संपर्क तोड़ना शुरू किया | Countries begin to break contact with Britain when new type of corona virus is exposed

कोरोना वायरस के नए प्रकार के सामने आने पर देशों ने ब्रिटेन से संपर्क तोड़ना शुरू किया

कोरोना वायरस के नए प्रकार के सामने आने पर देशों ने ब्रिटेन से संपर्क तोड़ना शुरू किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : December 21, 2020/10:00 am IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 21 दिसंबर (भाषा) इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए “बेकाबू” प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगाने के बाद फ्रांस ने भी ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है।

भारत में हालांकि अभी ब्रिटेन जाने या वहां से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है हालांकि यात्रियों को कड़ी जांच के साथ ही स्व-पृथकवास के नियमों का भी पालन करना होता है। ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है।

जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार को सरकार की आपात समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे जिसमें स्थिति की समीक्षा की जाएगी क्योंकि फ्रांस से लगने वाली सीमा पर गाड़ियों का जमावड़ा लग गया है। ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के प्रवेश को भी रोक दिया गया है।

यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य राष्ट्रों की एक बैठक भी ब्रसेल्स में होनी है, जिसमें ज्यादा समन्वित प्रतिक्रिया पर चर्चा की जाएगी क्योंकि ब्रिटेन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 35,928 रही, वहीं कोरोना वायरस के नए स्वरूप का प्रसार तेजी से हो रहा है और 326 और मरीजों की मौत के साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़कर 67,401 हो गई।

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, “सभी को, खास तौर पर श्रेणी-4 के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को संयम बरतने की जरूरत है क्योंकि वे संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं- यही एक मात्र तरीका है, जिससे हम इसे नियंत्रण में लाने जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि स्थिति “बेहद गंभीर” है और सरकार एक “बेकाबू” वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, “यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है।”

वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा।

इंपीरियल कॉलेज लंदन के डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, “यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होगा…लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।”

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, “सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिये कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है।”

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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