पत्रकार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार | Court refuses to cancel FIR lodged against journalist

पत्रकार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार

पत्रकार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से अदालत का इनकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : November 13, 2020/8:30 am IST

शिलांग, 13 नवंबर (भाषा) मेघालय उच्च न्यायालय ने प्रदेश में आदिवासी एवं गैर आदिवासी समुदायों के बीच कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाली प्रदेश की वरिष्ठ पत्रकार पैट्रिशिया मुखीम की फेसबुक पोस्ट के खिलाफ पुलिस में दर्ज शिकायत रद्द करने से मना कर दिया है।

पद्मश्री से सम्मानित एवं शिलांग टाइम्स समाचार पत्र की संपादक मुखीम की ओर से दायर याचिका का निपटारा करते हुये न्यायमूर्ति डब्ल्यू दिएंगदोह ने कहा कि इस मामले की जांच के लिये जांच एजेंसी को छूट दी जानी चाहिये ताकि कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार वह अपने निष्कर्ष पर पहुंचे ।

उन्होंने 10 नवंबर को दिये अपने फैसले में कहा, ”इसलिये, अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिये मुझे इस याचिका में कोई दम नहीं लगता है। इसलिये इस याचिका को खारिज किया जाता है।”

गौरतलब है कि इस साल जुलाई में बास्केटबॉल कोर्ट में पांच लड़कों पर हमला हुआ था। हत्यारों का पता नहीं चलने के बाद मुखीम ने लावसोहतुन गांव के ”दरबार” (परिषद) पर फेसबुक के माध्यम से हमला बोला था ।

इस मामले में 11 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था ।

टिप्पणी के लिये बार बार कोशिश के बावजूद मुखीम से संपर्क नहीं हो सका।

ग्राम परिषद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के लिये मुखीम के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी और आरोप लगाया था कि उनके बयान से सांप्रदायिक तनाव भड़का है और इससे सांप्रदायिक संघर्ष भी भड़क सकता है।

भाषा रंजन रंजन शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)