जोखिम के डर से ई-वित्त कंपनी एंट फाइनेंशियल का सूचीबद्ध होना टला | E-finance company Ant Financial to be listed for fear of risk

जोखिम के डर से ई-वित्त कंपनी एंट फाइनेंशियल का सूचीबद्ध होना टला

जोखिम के डर से ई-वित्त कंपनी एंट फाइनेंशियल का सूचीबद्ध होना टला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : November 4, 2020/11:28 am IST

बीजिंग, चार नवंबर (एपी) विश्लेषकों का मानना है कि चीन ने अपने यहां से उद्योगों के पलायन, वैश्विक निवेशकों के साथ विवाद और देश के वित्त बाजार को लेकर गहराती चिंता जैसे जोखिमों के डर से एंट फाइनेंशियल के प्रथम शेयर निर्गम की सूचीबद्ध पर रोक लगवायी है।

उनका कहना है कि इस तरह के अप्रत्याशित हस्तक्षेप से चीन के बाजार के प्रति निवेशकों की आशंकाएं और गहरी होंगी।

अलीबाबा समूह की कंपनी एंट दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन वित्त कंपनी है।

चीन के सबसे अमीर व्यक्ति जैक मा के अलीबाबा समूह की कंपनी एंट फाइनेंशियल का 34.5 अरब डॉलर का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के बाद इसके शेयरों के बृहस्पतिवार को शांधाई बाजार और हांगकांग बाजार में सूचीबद्ध किए जाने का कार्यक्रम था।

चीन के वित्तीय और पूंजीबाजार के नियामकों ने इसके मात्र तीन दिन पहले सोमवार को जैक मा और कंपनी के अन्य अधिकारियों की एक अप्रत्याशित बैठक बुलाई। उसके बाद मंगलवार को शेयर बाजारों ने नियामकीय अनुपालन में कंपनी संभावित विफलता का संदेह जताते हुए सूचीबद्धता का कार्यक्रम निलंबित कर दिया।

एंट समूह ने बुधवार को कहा कि वह निवेशकों का धन वापस करेगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने बुधवार को कहा कि यह फैसला निवेशकों की सुरक्षा और ‘पूंजी बाजार की स्थिरता को बनाए रखने’ के लिए किया गया है।

लिजिआन ने इस संदर्भ में ज्यादा जानकारी नहीं दी। लेकिन वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को चिंता है कि कंपनी संभवतया वित्तीय जोखिम को संभाल नहीं पाएगी। कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन की सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है।

चीन के इस कदम पर शंघाई के चाइना मार्केट रिसर्च ग्रुप के शौन रेइन ने कहा कि सरकार की इस अजीबोगरीब कार्रवाई से निवेशक चीन को लेकर और अधिक सशंकित होंगे।

उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर अचंभित हैं कि नियामकों ने यह फैसला जोखिम की चिंता के चलते उठाया है या जैक मा पर अपनी खीझ निकालने के लिए, क्योंकि उन्होंने खुले आम सरकार एवं नियामकों की शिकायत की है कि वे नवोन्मेषों को बाधित कर रहे हैं। ।

रेइन ने कहा, ‘‘ यह जो भी है लेकिन यह व्यवस्था को अच्छा नहीं दिखाता। यह वैश्विक संस्थागत निवेशकों को चीन में निवेश करने के लिए और परेशान करने वाला फैसला है।’’

एपी शरद मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)