एमएसएमई के लिये आपात रिण गारंटी सुविधा योजना की अवधि एक माह बढ़ाई गई | Emergency Credit Guarantee Facility Scheme for MSMEs extended by one month

एमएसएमई के लिये आपात रिण गारंटी सुविधा योजना की अवधि एक माह बढ़ाई गई

एमएसएमई के लिये आपात रिण गारंटी सुविधा योजना की अवधि एक माह बढ़ाई गई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : November 2, 2020/2:02 pm IST

नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) सरकार ने सोमवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिये शुरू की गई आपात रिण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की समयसीमा एक माह बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दी। योजना के तहत अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये के निर्धारित लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा मई में की थी। कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास के तहत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत करीब 21 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। योजना के तहत एमएसएमई को गारंटी मुक्त रिण सुविधा उपलब्ध कराने के वास्ते ईसीएलजीएस की शुरुआत की गई थी।

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना की अवधि को 30 नवंबर तक के लिये अथवा तब तक के लिये बढ़ा दिया गया है जब तक कि योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी नहीं दे दी जाती है। इसमें जो भी पहले होगा उस समय तक ही योजना लागू रहेगी। योजना अवधि का विस्तार अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को खोले जाने के मद्देनजर लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि मौजूदा त्योहारी मौसम में मांग बढ़ने से योजना का लाभ उठाया जा सकेगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘योजना विस्तार से उन कर्ज लेनदारों को अवसर मिल सकेगा जो कि अब तक इसका लाभ नहीं उठा पाये हैं।’’

योजना में शामिल कर्जदाता सदस्य संस्थानों से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अब तक 60.67 लाख कर्ज लेनदारों को 2.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है जबकि इसमें से 1.48 लाख करोड़ रुपये का कर्ज वितरित किया गय है।

योजना के तहत कारोबारियों, मुद्रा रिण लेने वालों, व्यक्तियों को व्यवसायिक कार्यों के लिये उनके 29 फरवरी 2020 तक के बकाया कर्ज का 20 प्रतिशत तक अतिरिक्त रिण उपलब्ध। यह रिण पूरी तरह से गारंटीशुदा और गारंटी मुक्त रिण है। योजना के तहत अतिरिक्त कर्ज के लिये गारंटी सरकार की तरफ से दी जा रही है। जिन कर्जदारों पर 29 फरवरी को 50 करोड़ रुपये का बकाया है और उनका सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये तक का है, उन्हें भी योजना के तहत पात्र माना गया है। योजना के तहत बैंकों से लिये गये रिण पर अधिकतम 9.25 प्रतिशत ब्याज होगा जबकि गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्थानल 14 प्रतिशत की दर से ब्याज ले सकेंगे।

योजना में कर्ज की अवधि चार साल है जिसमें एक साल तक कर्ज वापसी नहीं होगी।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)