किसानों का प्रदर्शन मार्च : सिंघू बॉर्डर की सड़क पर उमड़ा ट्रैक्टरों का सैलाब | Farmers' demonstration march: Flood of tractors on the road of Singhu border

किसानों का प्रदर्शन मार्च : सिंघू बॉर्डर की सड़क पर उमड़ा ट्रैक्टरों का सैलाब

किसानों का प्रदर्शन मार्च : सिंघू बॉर्डर की सड़क पर उमड़ा ट्रैक्टरों का सैलाब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 7, 2021/11:55 am IST

नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) हरियाणा-दिल्ली की सीमा, सिंघू बॉर्डर पर सड़कों पर सिर्फ ट्रैक्टर, उनपर सवार किसान, उनपर बंधे लाउडस्पीकर दिख रहे थे और पंजाबी धुनों/गीतों के साथ नारे सुनाई दे रहे थे।

दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर पिछले करीब डेढ़ महीने से प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपने विरोध को मजबूत करने के लिए ट्रैक्टर मार्च निकाला।

ट्रैक्टर मार्च चार अलग-अलग जगहों…. सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल, निकाला गया।

पंजाब में होशियारपुर के हरजिंदर सिंह ने कहा, ‘‘सरकार बैठकों पर बैठकें कर रही है। उन्हें पता है कि हमें क्या चाहिए। हम चाहते हैं कि कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन हमें सिर्फ बातें सुनने को मिल रही हैं। इस रैली के जरिए हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हम क्या कर सकते हैं और 26 जनवरी को हम क्या करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आज रैली सिर्फ दिल्ली की सीमाओं पर हो रही है, लेकिन जब हमारे किसान नेता तय करेंगे कि दिल्ली में प्रवेश करना है, तो हम ऐसा ही करेंगे।’’

टैक्टरों पर सवार होकर किसान आज प्रदर्शन स्थल से बाहर निकले, और पूरे मार्च के दौरान ट्रैक्टरों पर लगे स्पीकर गानों के जरिए उनकी हौसला अफजाई कर रहे थे। मार्च में शामिल कुछ ट्रैक्टरों पर तिरंगा लहरा रहा था।

सड़कों के किनारे खड़े अन्य प्रदर्शनकारी किसान अपने साथियों को अखबार से लेकर चाय और नाश्ता दे रहे थे।

पंजाब के चमकौर साहिब के जसपाल सिंह देओल ने कहा, ‘‘हम धरती के बेटे हैं। अगर कानून बन गए तो हम भूख से मर जाएंगे। यह रैली सरकार को समझाने का हमारा मरीका है कि मांगे पूरी होने तक हम पीछे नहीं हटेंगे।’’

जालंधर के नवपाल सिंह का कहना है कि रैली किसानों का शक्ति प्रदर्शन है। उन्होंने कहा, ‘‘यह रैली सरकार को हमारी ताकत और संख्सा दिखाने और देश के लोगों को यह बताने का जरिया है कि हम क्या कर रहे हैं और क्यों कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारे लोग जो किसान परिवार से नहीं हैं, उनकी सोच है कि कानूनों से सिर्फ किसानों को फर्क पड़ेगा, लेकिन उनके लिए यह जानना जरूरी है कि इन कानूनों से देश का हर व्यक्ति प्रभावित होगा।’’

इसबीच, मुख्य प्रदर्शन स्थल सिंघू बॉर्डर पर संख्या कुछ कम जरूर हुई है, लेकिन प्रदर्शन जारी है।

लंगर में लोगों को रोटियां खिलायी जा रही, मेडिकल कैंप में दवाएं दी रही हैं और वहां मौजूद लोग बुजुर्गों और महिलाओं का विशेष ध्यान रख रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड में लोगों को राहत देने के लिए बड़े-बड़े अलाव जल रहे हैं।

भाषा अर्पणा माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)