फुटबॉल और चुन्नी बाबू के मुरीद दिलीप कुमार रोवर्स कप फाइनल के दौरान भिड़ गए थे दर्शकों से | Football and Chunni Babu's Murid Dilip Kumar clashed with the spectators during the Rovers Cup final

फुटबॉल और चुन्नी बाबू के मुरीद दिलीप कुमार रोवर्स कप फाइनल के दौरान भिड़ गए थे दर्शकों से

फुटबॉल और चुन्नी बाबू के मुरीद दिलीप कुमार रोवर्स कप फाइनल के दौरान भिड़ गए थे दर्शकों से

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : July 7, 2021/11:04 am IST

कोलकाता, सात जुलाई ( भाषा ) अपने जीवंत अभिनय से करोड़ों को अपना मुरीद बनाने वाले महान अभिनेता दिलीप कुमार फुटबॉल के बड़े शौकीन थे और कोलकाता के मशहूर क्लब मोहम्मडन स्पोर्टिंग के साथ चुन्नी गोस्वामी के खेल के दीवाने थे ।

कहा जाता है कि चुन्नी गोस्वामी ने 1964 में मुंबई में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहा तो दो खास प्रशंसकों ने उनसे फैसला बदलने का अनुरोध किया था । ये दोनों प्रशंसक थे दिलीप कुमार और प्राण । दोनों गोस्वामी का कोई मैच देखने का मौका नहीं छोड़ते थे ।

एक और किस्सा है जब एक प्रीमियर टूर्नामेंट के फाइनल में दिलीप कुमार विरोधी टीम के समर्थकों से भिड़ गए थे ।

भारतीय सिनेमा के महानायक दिलीप कुमार का लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक अस्पताल में आज निधन हो गया । वह 98 वर्ष के थे ।

1980 में मोहम्मडन स्पोर्टिंग और ईस्ट बंगाल के बीच रोवर्स कप फाइनल के लिये दिलीप कुमार को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था । मोहम्मडन के कप्तान रहे विक्टर अमलराज ने कहा ,‘‘ वह एकदम खफा हो गए थे और मंच से जाने लगे थे लेकिन बाद में हालात काबू में लाये गए ।’’

उन्होंने हैदराबाद से पीटीआई को बताया ,‘‘ उस समय राज कुमार और राजेश खन्ना की ‘मर्यादा ’बड़ी हिट फिल्म थी । कुछ विरोधी समर्थकों ने राज कुमार के नाम के नारे लगाने शुरू कर दिये जिससे दिलीप साहब नाराज हो गए ।’’

अमलराज ने बताया ,‘‘ वह मंच से खड़े हो गए और कहा कि मुझे क्यों बुलाया, राज कुमार को ही बुलाना था । बाद में हालांकि उनका गुस्सा ठंडा हो गया ।’’

भारत के पूर्व डिफेंडर सुब्रत भट्टाचार्य ने कहा ,‘‘ दिलीप कुमार को फुटबॉल का बहुत शौक था । मैं उनसे कई बार मिला वह हमेशा खेल के बारे में बात करते थे । रोवर्स कप के मैच देखने तो वह हमेशा आते थे । वह कश्मीर में संतोष ट्रॉफी फाइनल देखने भी आये थे ।’’

उन्होंने कहा ,‘ मैं बांबे में उनसे नटराज स्टूडियो में मिला । पहली बार गया तो वह मेरे पास आये और प्यार से बोले कि ऐसे खड़ा क्यों है ।फिर निर्देशक के पास ले गए और बोले कि ये बड़ा प्लेयर है , इंडिया के लिये खेलता है , इसे बैठने दो ।’’

भाषा

मोना पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)