उम्मीद है कोविड-19 की दवावों को पेटेंट से छूट केभारत के सुझाव को मानेगा वैश्विक औषधि उद्योग: गोयल | Global pharmaceutical industry to accept India's suggestion to exempt Covid-19 drugs from patents: Goyal

उम्मीद है कोविड-19 की दवावों को पेटेंट से छूट केभारत के सुझाव को मानेगा वैश्विक औषधि उद्योग: गोयल

उम्मीद है कोविड-19 की दवावों को पेटेंट से छूट केभारत के सुझाव को मानेगा वैश्विक औषधि उद्योग: गोयल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:45 PM IST, Published Date : February 25, 2021/12:20 pm IST

नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि कोराना वायरस महामारी पर नियंत्रण के लिये वैश्विक दवा बौद्विक संपदा से संबंधित बहुपक्षीय समझौते में कुछ प्रावधानों में रियायत दिये जाने के डब्ल्यूटीओ में दिये गये भारत के प्रस्ताव को लेकर ‘‘बड़ा दिल’’ दिखायेगा और उसका समर्थन करेगा।

भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में एक प्रस्ताव सौंपा था जिसमें कोविड- 19 महामारी के इलाज, उस पर नियंत्रण पाने, बचाव करने संबंधी उपायों के मामले में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सभी सदस्यों को बौद्विक संपदा के व्यापार से जुड़े पहलुओं (ट्रिप्स) के समझौते में विभिन्न प्रावधानों के प्रवर्तन और लागू किये जाने के मामले में छूट दिये जाने का सुझाव दिया गया।

डब्ल्यूटीओ सदस्यों के बीच ट्रिप्स समझौता जनवरी 1995 से अमल में है। इसके तहत विभिन्न उत्पादों के मामले में कापीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और गुप्त जानकारी की सुरक्षा अथवा व्यापार से जुड़ी गोपनीय बातों की सुरक्षा को लेकर बौद्विक संपदा अधिकारों का बहुपक्षीय समझौता किया गया है।

गोयल ने दवा उद्योग पर आयेजित फिक्की वेबिनार में कहा कि, ‘‘मुझे विश्वास है कि इस मामले में दुनियाभर को दवा उद्योग बड़ा दिल दिखायेगा और भारत ने जो ट्रिप्स के प्रावधानों से छूट देने का डब्ल्यूटीओ में प्रसताव किया है उसका समर्थन करेगा। इससे पूरी दुनिया को कोविड- 19 महामारी के संकट से बाहर निकलने में मदद मिलेगी और पूरी दुनिया में फिर से आर्थिक गतिविधियां पूरे जोर शोर से पटरी पर लौट सकेंगी।

उन्होंने कहा कि विकसित देश इसको लेकर दबाव में है। लेकिन यह तरफ विकसित देश कोविड- 19 महामारी के खिलाफ एक साथ मिलकर बहुपक्षीय लड़ाई लड़ने की बात करते हैं जबकि दूसरी तरफ ये देश कुछ कंपनियों के हितों की सुरक्षा की तरफ देखते हैं।

गोयल ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जो प्रस्ताव दिया है उससे ज्यादा से ज्यादा देशों को दवा और दूसरे उत्पादों तक समान पहुंच सुलभ हो सकेगी। दोनों देशों ने जो छूट का प्रस्ताव दिया है उसमें ट्रिप्स समझौते के दूसरे भाग के चार खंडों में दायित्वों को कवर किया गया है। पहला- खंड (कापाीराइट और संबंधित अधिकारों) से जुड़ा है। चौथा- खंड (औद्योगिक डिजाइन), पांचवां (पेटेंट) और सातवें खंड में अघोषित सूचना को लेकर संरक्षण से जुड़ा है।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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