हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति के लिए अहम है भारत : विशेषज्ञ | India is key to US strategy in Indo-Pacific region: expert

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति के लिए अहम है भारत : विशेषज्ञ

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति के लिए अहम है भारत : विशेषज्ञ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : February 23, 2021/8:25 am IST

वाशिंगटन, 23 फरवरी (भाषा) अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन अपनी विदेश एवं राष्ट्रीय सुरक्षा की नीति की समीक्षा कर रहा है, ऐसे में विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों का कहना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की रणनीति के लिए भारत महत्वपूर्ण है।

भारत के पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और ‘सेंटर फॉर चाइना एनैलिसिस एंड स्ट्रैटजी’ के अध्यक्ष जयदेव राणाडे समेत विशेषज्ञों ने यहां थिंक टैंक ‘द हडसन इंस्टीट्यूट’ द्वारा आयोजित डिजिटल चर्चा में यह बात की।

मेनन और राणाडे ने अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को महत्वपूर्ण बताया।

मेनन ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होते रहेंगे, क्योंकि जलवायु परिवर्तन, चीन, हिंद प्रशांत और समुद्री सुरक्षा पर रणनीतिक तालमेल बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत न केवल अपने देश में हो रहे बदलाव के लिहाज से अमेरिका को एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है बल्कि वह उसे दुनिया की एकमात्र महाशक्ति भी समझता है। इसके अलावा मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के साझा रणनीतिक दृष्टिकोण हैं।

मेनन ने कहा, ‘‘अमेरिका, कारोबार के लिहाज से हमारा सबसे बड़ा सहयोगी देश है और हम जानते हैं कि मतभेद होने पर उन्हें कैसे सुलझाया जाये।’’

चीन में भारत के पूर्व राजदूत मेनन ने कहा, ‘‘2012 से दक्षिण एशिया में चीन की सक्रिय मौजूदगी रही है और वह पाकिस्तान के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता रखता है। नेपाल, श्रीलंका जैसे देशों की आंतरिक राजनीति में भी वह भूमिका निभा रहा है और हिंद महासागर में उसने सैन्य दखल बढ़ाया है, जो भारत के लिए समस्या पैदा करने वाला है।’’

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके मेनन ने कहा, ‘‘चीन भारत की बढ़ती साख और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सीट और एनएसजी जैसे मुद्दों पर भारत का विरोध करता रहा है।’’

इस अवसर पर राणाडे ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन का लक्ष्य सबसे पहले खुद को एशिया में या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख ताकतवर देश के तौर पर स्थापित करना है और फिर अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना है।

उन्होने कहा, ‘‘चीन की इस मंशा के रास्ते में भारत खड़ा है।’’

भाषा सुरभि सिम्मी

सिम्मी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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