कोविड-19 से महिलाओं की आय, स्वास्थ्य, सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा: भाटिया | Kovid-19 had a negative impact on women's income, health, safety: Bhatia

कोविड-19 से महिलाओं की आय, स्वास्थ्य, सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा: भाटिया

कोविड-19 से महिलाओं की आय, स्वास्थ्य, सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा: भाटिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : March 7, 2021/12:12 pm IST

(योषिता सिंह)

न्यूयार्क, सात मार्च (भाषा) संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग (यूएन वूमेन) में भारतीय मूल की शीर्ष अधिकारी अनिता भाटिया ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने महिलाओं की आय, स्वास्थ्य और सुरक्षा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले भाटिया ने कहा कि अब उनके सामने एक समस्या यह है कि देखभाल को लेकर बढ़ी जिम्मेदारी के कारण उनके लिए कार्यस्थल पर फिर से लौटना असंभव सा हो गया है।

वैश्विक संस्था की महिला सशक्तीकरण एवं लैंगिक समानता पर केंद्रित एजेंसी ‘यूएन वूमेन’ में असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल और उप कार्यकारी निदेशक भाटिया ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘महामारी के एक वर्ष में हम इन चीजों का वास्तविक प्रभाव देख रहे हैं। लेकिन एक बात महामारी के माध्यम से स्पष्ट हो गई है जो शुरुआत में इतनी स्पष्ट नहीं थी कि महिलाओं पर देखभाल का बोझ बढ़ा है।’’

भाटिया ने कहा कि महिलाओं पर महामारी का प्रभाव पुरुषों के मुकाबले असंगत रहा है और वैश्विक स्वास्थ्य संकट के कारण महिलाओं की आय, स्वास्थ्य और सुरक्षा नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि महामारी से पहले महिलाएं पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक देखभाल के काम, बिना वेतन के कर रही थीं लेकिन अब यह काम और बढ़ गया है क्योंकि महिलाओं को अपने घर का काम करना पड़ रहा है, बच्चों को उनके गृहकार्यों में मदद करनी पड़ रही है और यह सुनिश्चित करना पड़ रहा है कि भोजन उनकी मेज पर हो।

भाटिया ने कहा, ‘‘नई समस्या जो अब हम देख रहे हैं, महामारी के एक वर्ष में, न केवल महिलाओं ने नौकरी गंवाई हैं बल्कि अब अर्थव्यवस्थाओं के खुलने के बाद भी आप महिलाओं को उसी समान संख्या में फिर से नौकरी करते हुए नहीं देख पा रहे हैं।’’

उन्होंने आगाह किया कि अगर यह सिलसिला जारी रहा तो देशों में उत्पादकता में गिरावट देखी जायेगी क्योंकि आधी आबादी काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्पादकता में गिरावट के बाद जीडीपी में गिरावट होगी।

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि सरकारों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार करने और नकदी अंतरण योजना के बारे में सोचना होगा। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी महिलाओं को बाल देखभाल की सुविधा और सुविधाजनक काम के घंटे उपलब्ध कराने के बारे में सोचना होगा।

भाटिया ने कहा कि सरकारों को डिजिटल संरचना और कौशल में निवेश जारी रखना होगा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को सुनिश्चित करना होगा जिससे महिलाओं पर देखभाल का बोझ कम हो सके।

उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल सार्वजनिक क्षेत्र के लिए नहीं है बल्कि निजी क्षेत्र के लिए भी है क्योंकि ऐसा सिर्फ केवल सरकार द्वारा नहीं किया जा सकता है। व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।’’

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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