अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए भाजपा MLA, कहा- रुके हुए विकास कार्यों के खिलाफ बोलने पर रहता है कार्रवाई का डर | MLA claims to be afraid of disciplinary action on speaking out against stalled development works

अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए भाजपा MLA, कहा- रुके हुए विकास कार्यों के खिलाफ बोलने पर रहता है कार्रवाई का डर

अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए भाजपा MLA, कहा- रुके हुए विकास कार्यों के खिलाफ बोलने पर रहता है कार्रवाई का डर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : January 5, 2021/1:49 pm IST

बेंगलुरु:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और बी पी यतनाल के बीच कहासुनी की खबर आने के एक दिन बाद मंगलवार को होसदुर्ग से भाजपा विधायक जी डी शेखर ने दावा किया कि पार्टी विधायकों की स्थिति यह हो गई है कि उन्हें रुके हुए विकास कार्यों के खिलाफ बोलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का डर सताता रहता है।

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शेखर ने सोमवार को शुरू हुई भाजपा की कर्नाटक इकाई की दो दिवसीय बैठक में शरीक होने से पहले यहां पत्रकारों से कहा, ”…अगर हम कुछ बोलते हैं तो उसका दूसरा मतलब निकाल लिया जाता है। लिहाजा, हम विधायक असमंजस की स्थिति में हैं…। ” उन्होंने दावा किया कि मीडिया से अपनी परेशानियों को लेकर बात करने का मतलब होगा कि आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी ।

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शेखर ने दावा किया, ”हम इन हालात में कैसे रहें? इससे बेहतर है कि इस सबसे दूर और खामोश रहें। कृपया हमें बख्श दें। हमारे इलाकों में काम नहीं हो पा रहे हैं। मंत्री नहीं मिल पाते…अगर हम मंत्री के पास जाते हैं तो भी काम नहीं होता और यहां तक कि अगर मुख्यमंत्री भी लिखकर दे दें, तब भी काम नहीं हो पाता।”

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इससे पहले, भाजपा सूत्रों ने कहा था कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेन्द्र द्वारा कथित रूप से पार्टी तथा प्रशासनिक मामलों में दखल दिये जाने के चलते मुख्यमंत्री और विजयपुरा से विधायक बी पी यतनाल के बीच कहासुनी हो गई थी। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के अनुसार मामला पार्टी की अनुशासन समिति को भेज दिया गया है।

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यतनाल कथित रूप से मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने को लेकर कुछ समय से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने यहां तक दावा किया कि राज्य में येदियुरप्पा की जगह कोई और ले सकता है। हालांकि कतील ने राज्य में किसी भी फेरबदल की संभावना से इनकार किया है। यह बैठक बेंगलुरु में एक निजी होटल में हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, कर्नाटक भाजपा प्रमुख कतील और पार्टी के कर्नाटक प्रभारी महासचिव अरुण सिंह मौजूद थे।

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बैठक के दौरान विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के समक्ष अपनी शिकायतें रखी थीं। विधायकों की मुख्य मांगों में अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य और मंत्रिपद दिया जाना शामिल थीं। कर्नाटक में मंत्रिमंडल फेरबदल काफी समय से लंबित है , लेकिन कुछ कारणों के चलते इसे टाल दिया गया है। कुल 34 मंत्रिपदों में से सात पद खाली पड़े हैं, जिसके लिये विधायक अपना-अपना दावा पेश करने में जुटे हैं।

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