निजी अस्पतालों में शुल्क की महाराष्टू सरकार की अधिसचूना खारिज करने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज | Maharashtra government rejects plea against Maharashtra government's order rejecting duty in private hospitals

निजी अस्पतालों में शुल्क की महाराष्टू सरकार की अधिसचूना खारिज करने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज

निजी अस्पतालों में शुल्क की महाराष्टू सरकार की अधिसचूना खारिज करने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : July 19, 2021/6:50 am IST

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने गैर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के शुल्क के नियमन संबंधी महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचनाओं को खारिज करने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी, क्योंकि राज्य सरकार ऐसी अधिसूचनाएं जारी नहीं कर सकती।

महाराष्ट्र सरकार की पैरवी कर रहे वकील राहुल चिटनिस ने सुनवाई की शुरुआत में कहा कि राज्य ने उच्च न्यायालय के पिछले साल 23 अक्टूबर के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें गैर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए शुल्क की सीमा तय करने संबंधी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया गया था।

पीठ ने कहा कि जब राज्य सरकार के पास सरकारी अस्पतालों में गैर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए स्वयं आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है, तो ऐसे में वह ऐसी अधिसूचनाएं जारी नहीं कर सकती। उसने कहा, ‘‘ आपके पास आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है, ऐसे में गैर कोविड-19 मरीज निजी अस्पतालों में जाने को मजबूर हैं। माफ कीजिए, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।’’

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पिछले साल 23 अक्टूबर को कहा था कि महाराष्ट्र सरकार के पास गैर कोविड-19 मरीजों के लिए निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम की शुल्क सीमा के नियमन संबंधी कोई अधिसूचना जारी करने या कोई कानून बनाने का अधिकार नहीं है। उसने गैर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम पर लागू होने वाली राज्य सरकार की पिछले साल अप्रैल एवं मई में जारी दो अधिसूचनाएं खारिज कर दी थीं और उन्हें दरकिनार कर दिया था।

सरकार ने अधिसूचनाओं के माध्यम से गैर कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के लिए एक शुल्क कार्ड निर्धारित किया था। अधिसूचनाओं में कहा गया था कि निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को अपने 80 प्रतिशत बिस्तरों को कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए आरक्षित रखना होगा और शेष 20 प्रतिशत का उपयोग गैर कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए किया जा सकता है।

भाषा

सिम्मी शाहिद

शाहिद

 

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