मलेशिया ने अदालत के आदेश के बावजूद म्यांमा के प्रवासियों को निर्वासित किया | Malaysia deports Myanmar migrants despite court order

मलेशिया ने अदालत के आदेश के बावजूद म्यांमा के प्रवासियों को निर्वासित किया

मलेशिया ने अदालत के आदेश के बावजूद म्यांमा के प्रवासियों को निर्वासित किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : February 23, 2021/4:53 pm IST

कुआलालंपुर (मलेशिया), 23 फरवरी (एपी) मलेशिया के आव्रजन अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने म्यांमा के 1086 प्रवासियों को वापस भेज दिया है। हालांकि, दो मानवाधिकार संगठनों की अपील पर एक अदालत ने प्रवासियों को भेजने की प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया था।

प्रवासियों को भेजे जाने के पहले, एमनेस्टी इंटरनेशनल मलेशिया और असाइलम एक्सेस मलेशिया की ओर से म्यांमा के 1200 प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया पर मंगलवार को एक उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी।

मानवाधिकार समूहों का दावा है कि प्रवासियों में से कई लोग शरण के इच्छुक एवं नाबालिग थे।

आव्रजन प्रमुख खैरूल दैमी दाऊद ने एक बयान में कहा कि 1086 प्रवासी स्वेच्छा से म्यांमा की नौसेना के तीन जहाजों से लौटने को राजी हो गए। उन्होंने कहा कि सारे प्रवासी म्यांमा के नागरिक थे और उनमें कोई भी रोहिंग्या शरणार्थी नहीं था।

बयान में अदालत के आदेश का जिक्र नहीं किया गया। यह भी नहीं बताया गया कि 1200 प्रवासियों के बजाए 1086 प्रवासियों को ही क्यों भेजा गया।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस फैसले को ‘‘अमानवीय और त्रासद’ बताया है। संस्था ने एक बयान में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि फैसले की उचित समीक्षा किए बिना ही प्रवासियों को भेजने का इरादा कर लिया गया था। इस फैसले के कारण हजारों लोगों और उनके परिवारों की जान को खतरा होगा और मलेशिया के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर यह एक धब्बा साबित होगा।’’

एमनेस्टी ने सरकार से शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) को सभी 1200 प्रवासियों तथा हिरासत केंद्र में रखे गए लोगों तक पहुंच देने का अनुरोध किया।

आव्रजन विभाग ने पूर्व में कहा था कि प्रवासियों के पास यात्रा संबंधी वैध दस्तावेज नहीं थे और वे बिना वीजा के रह रहे थे।

मलेशिया के 27 सांसदों के एक समूह ने भी रविवार को प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन को एक पत्र भेजकर प्रवासियों को भेजने की प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।

एपी आशीष मनीषा

मनीषा

 

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