माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सभी भारत वापस आ रहे हैं, कानूनी कार्रवाई का करेंगे सामना- सीतारमण | Mallya, Nirav Modi, Mehul Vigilantism are all coming back to India to face the law: Sitharaman

माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सभी भारत वापस आ रहे हैं, कानूनी कार्रवाई का करेंगे सामना- सीतारमण

माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सभी भारत वापस आ रहे हैं, कानूनी कार्रवाई का करेंगे सामना- सीतारमण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : March 18, 2021/5:43 pm IST

नई दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी, ये सभी भगोड़े कारोबारी कानून का सामना करने के लिए भारत वापस आ रहे हैं। गौरतलब है कि सरकार ब्रिटेन से माल्या और मोदी के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास कर रही है, जबकि माना जा रहा है कि चोकसी एंटीगुआ-बारबुडा में है।

पढ़ें- महामारी पर सियासी लड़ाई! कोरोना के खिलाफ जंग में साथ जरूरी या सियासत?

सीतारमण ने राज्य सभा में बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा के दौरान कहा, ‘‘विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी ये सभी इस देश के कानून का सामना करने के लिए वापस आ रहे हैं … एक-एक कर के हर कोई इस देश के कानून का सामना करने के लिए देश में वापस आ रहा है।’’ माल्या अपनी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण को जानबूझ कर न चुकाने के आरोपी हैं, और मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं।

पढ़ें- आरक्षक ने कॉलेज छात्रा को शादी का झांसा देकर किया रेप, प्रेग्नेंट ह.

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पीएनबी के साथ कर्ज में धोखाधड़ी के आरोपी हैं। सीबीआई जांच शुरू होने से पहले 2018 में दोनों भारत से भाग गए। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अधिकतम सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने पर सीतारमण ने कहा कि हिस्सेदारी बढ़ने से कंपनियों का नियंत्रण विदेशी कंपनियों के पास चला जायेगा लेकिन इन कंपनियों में निदेशक मंडल और प्रबंधन के महत्वपूर्ण पदों पर भारतीय लोग ही नियुक्त होंगे और उन पर भारतीय कानून लागू होगा।

पढ़ें- प्रदेश में इस राज्य से बसों का संचालन किया जाएगा बंद, 1 अप्रैल से ऑ..

बीमा संशोधन विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुये सीतारमण ने कहा, ‘‘देश के कानून अब काफी परिपक्व हैं, देश में होने वाले किसी भी परिचालन को वे नियंत्रण में रख सकते हैं। (कोई भी) इसे (धन को) बाहर नहीं ले जा सकता है और हम देखते नहीं रह सकते हैं।’’ बीमा कंपनियों में विदेशी हिस्सेदारी बढ़ाने की वजह बताते हुये उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों पर नकदी का दबाव बढ़ रहा था। ऐसे में निवेश सीमा बढ़ने से उनकी बढ़ती पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।