सुरक्षित हिंद महासागर की महत्वाकांक्षा साझा करते हैं मॉरीशस, भारत :जगन्नाथ | Mauritius, India share the ambition of safe Indian Ocean :Jagannath

सुरक्षित हिंद महासागर की महत्वाकांक्षा साझा करते हैं मॉरीशस, भारत :जगन्नाथ

सुरक्षित हिंद महासागर की महत्वाकांक्षा साझा करते हैं मॉरीशस, भारत :जगन्नाथ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : February 22, 2021/5:22 pm IST

पोर्ट लुई, 22 फरवरी (भाषा) मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने सोमवार को यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात के बाद कहा कि मॉरीशस और भारत सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर की साझा महत्वाकांक्षा के साथ काम कर रहे हैं।

इस मुलाकात के दौरान दोनों के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और कानून के शासन के प्रति सम्मान स्थापित करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुयी।

दो देशों के दौरे के अंतिम चरण में जयशंकर रविवार को मालदीव से यहां पहुंचे थे।

जयशंकर के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए जगन्नाथ ने कहा, “आज सुबह जयशंकर के साथ मेरी बेहद सार्थक बैठक हुई जहां हमने हमारे सहयोग और संबंधों के कई पहलुओं की समीक्षा की और इस बारे में चर्चा की कि हम कैसे सर्वश्रेष्ठ रूप में आगे बढ़ सकते हैं।”

समुद्री संसाधनों के सतत प्रबंधन के लिये क्षमता बढ़ाने और समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों के निराकरण के लिये मॉरीशस और भारत एक साथ द्विपक्षीय व क्षेत्रीय साझेदारों के तौर पर काम करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, “सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर के संरक्षण और इस दिशा में काम करने की हमारी साझी महत्वाकांक्षा और जिम्मेदारी है।”

चीन के परोक्ष संदर्भ में जगन्नाथ ने कहा, “ डॉ. जयशंकर के साथ आज अपनी बैठक के दौरान हमनें जिन मुद्दों पर चर्चा की उनमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और कानून के शासन के प्रति सम्मान सुनिश्चित करना भी शामिल था।”

क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों की पृष्ठभूमि में भारत, अमेरिका और दुनिया की कुछ अन्य शक्तियां स्वतंत्र, मुक्त और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की जरूरत के बारे में बातचीत कर रही हैं।

बीजिंग का प्रभाव बढ़ाने के लिये चीनी सेना सक्रिय रूप से रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र पर भी नजर गड़ाए हुए है।

चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर पर कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान स्थापित किये हैं।

जगन्नाथ ने कहा, “मैं क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, कानून का शासन, पारदर्शिता, अंतरराष्ट्रीय जल में नौवहन की स्वतंत्रता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिये एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिये ‘क्वाड’ देशों के नए सिरे से प्रतिबद्धता व्यक्त करने का स्वागत करता हूं।”

उन्होंने कहा, “इन सिद्धांतों का पालन कानून के शासन के प्रति सम्मान के आधार पर राष्ट्रों के बीच शांति और मित्रता कायम रखने के लिये महत्वपूर्ण है… मुझे इसमें कोई शक नहीं कि डॉ. जयशंकर का यह दौरा मॉरीशस और भारत के बीच उत्कृष्ट रिश्तों के लिये नये प्रेरक का काम करेगा।”

‘क्वाड’ चार देशों – ऑस्ट्रेलिया, भारत,जापान और अमेरिका – का अनौपचारिक समूह है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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