पीड़ितों के लिए कोष से रकम का उपयोग नहीं होने पर एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना की | NGT criticizes Environment Ministry for not using funds from fund for victims

पीड़ितों के लिए कोष से रकम का उपयोग नहीं होने पर एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना की

पीड़ितों के लिए कोष से रकम का उपयोग नहीं होने पर एनजीटी ने पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : November 24, 2020/1:08 pm IST

नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने खतरनाक पदार्थों से जुड़े क्षेत्र में काम के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को राहत पहुंचाने के लिये बनाए गए पर्यावरण राहत कोष से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का इस्तेमाल नहीं करने के लिये पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की आलोचना की है।

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श गोयल और न्यायमूर्ति एस. के. सिंह की पीठ ने कहा कि लोक दायित्व बीमा अधिनियम कहता है कि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी पांच साल के लिए इस निधि की प्रबंधक होगी और वह एक राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खुलवा कर प्राप्त प्रीमियम की राशि और अधिकरण द्वारा दिलवाई गई राशि उसमें जमा करेगी।

पीठ ने कहा, ‘‘यह पता चला है कि 31 मार्च 2020 तक निधि प्रबंधक, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश कंपनी लिमिटेड के पास 881 करोड़ रुपये जमा हुए थे, लेकिन इसकी कोई सूचना नहीं है कि इस धन का उपयोग हुआ है या नहीं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘यह हमें न्याय का मजाक बनाने जैसा लग रहा है कि एक प्रशंसनीय कल्याणकारी कानून के बनने के 29 साल बाद और जरुरतमंद पीड़ितों के लिए इतनी बड़ी राशि जमा होने के बावजूद उस राशि का उपयोग उन पीड़ितों के कल्याण में नहीं हुआ है, जिनके लिए यह कानून बनाया गया था।’’

हरित अधिकरण ने कहा कि सभी संबंधित प्राधिकारियों को ऐसे कानूनों के अस्तित्व और उन्हें लागू करने के बीच जो खाई है उसे अविलंब दूर करने की जरुरत है।

भाषा अर्पणा दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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