नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसदीय समितियों के प्रदर्शन में सुधार की सराहना करते हुए सभी आठ समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों से बैठकों में 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
राज्यसभा की आठ विभाग संबंधी संसदीय समितियों के कामकाज में खासा सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के सितंबर महीने में पुनर्गठित की गई समितियों की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति में पिछले दो सालों के मुकाबले 15 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि बैठकों की औसत अवधि में भी 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
इस प्रदर्शन की सराहना करते हुए नायडू ने समिति अध्यक्षों और सदस्यों से बैठकों में होने वाले खर्च का हवाला देते हुए उपस्थिति 50 प्रतिशत से अधिक और बैठकों की अवधि को कम से कम दो से ढाई घंटे सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
नायडू ने सभी समितियों के अध्यक्षों को पत्र लिखकर बैठकों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी है।
एक आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी समितियों की बैठकों में सर्वाधिक 65.30 प्रतिशत की उपस्थिति दर्ज की गई है जबकि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संबंधी समिति की औसत उपस्थिति 52.46 प्रतिशत और पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय की 50.42 प्रतिशत दर्ज की गई है।
वर्ष 2017 से इन आठ समितियों की कुल 355 बैठकें हुई हैं। इनमें 134 बैठकें 2017-18 में, 49 बैठकें 2018-19 में और सितंबर 2019 तक 172 बैठकें शामिल हैं।
राज्यसभा के सभापति द्वारा इस समितियों को हर वर्ष सितंबर महीने में पुनर्गठन किया जाता है।
प्रत्येक समिति में राज्यसभा के 10 और लोक सभा के 21 सदस्य होते हैं। प्रत्येक बैठक में समिति के 31 में कम से कम 11 सदस्यों की उपस्थिति अनिवार्य है।
हालिया संसद सत्र के पहले चरण की समाप्ति पर नायडू ने सदस्यों से इन समितियों को प्रभावी बनाने का आग्रह किया था।
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