दिल्ली में बिजली मांग बढ़नी शुरू, 5,000 मेगावाट के पार पहुंची | Power demand begins to rise in Delhi, crosses 5,000 MW

दिल्ली में बिजली मांग बढ़नी शुरू, 5,000 मेगावाट के पार पहुंची

दिल्ली में बिजली मांग बढ़नी शुरू, 5,000 मेगावाट के पार पहुंची

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : June 8, 2021/2:40 pm IST

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) दिल्ली में ‘लॉकडाउन’ में ढील के साथ पारा चढ़ने से बिजली की मांग बढ़नी शुरू हो गयी है और यह गर्मी के इस मौसम में पहली बार 5,000 मेगावाट को पार कर गयी है। दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

राज्य भार प्रेषण केंद्र (एसएलडीसी) के आंकड़े के अनुसार दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग मंगलवार दोपहर 3.45 मिनट पर 5,808 मेगावाट रही। यह सोमवार को रात 11.19 बजे 5,559 मेगावाट थी। यह इस मौसम में बिजली की अधिकतम मांग है।

वितरण कंपनी के अधिकारी के अनुसार, ‘‘दिल्ली में ‘लॉकडाउन’ में ढील और गर्मी बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ी है।’’

दिल्ली सरकार ने कोविड-19 स्थिति में सुधार के साथ सोमवार को शहर में चरणबद्ध तरीके से बाजार खोलने की अनुमति दे दी। करीब एक महीने बाद मेट्रो रेल भी शुरू हुई है।

इस साल जून में बिजली की अधिकिम मांग पिछले साल इसी माह में शुरूआती आठ दिनों के मुकाबले 33 प्रतिशत तक अधिक है।

पिछले साल दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग आठ जून तक 4,611 मेगावाट थी।

पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के कारण देश भर में 25 मार्च से देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था। पिछले वर्ष 29 जून को बिजली की अधिकतम मांग 6,314 मेगावाट चली गयी थी। यह दो जुलाई, 2019 को अबतक की रिकार्ड 7,409 मेगावाट मांग के मुकाबले कम है।

अधिकारियों के अनुसार मौसम की स्थिति और ‘लॉकडाउन’ में ढील को देखते हुए इस वर्ष दिल्ली की अधिकतम बिजली की मांग 7,000 से 7,400 मेगावाट रहने का अनुमान है।

बीएसईएस वितरण कंपनी बीआरपीएल(बीएसईएस राजधानी पावर लि.) और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) के अधिकारियों के अनुसार 19 अप्रैल से लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के बावजूद दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग पिछले साल अप्रैल-मई के मुकाबले अधिक रही है।

अधिकारियों ने कहा कि बीएसईएस वितरण कंपनियां गर्मी के मौसम में दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और मध्य दिल्ली में अपने ग्राहकों को भरोसेमंद बिजली आपूर्ति के लिये पूरी तरह से तैयार हैं।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर

 

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