RTGS सुविधा आज मध्यरात्रि से चौबीसों घंटे मिलेगी | RTGS facility to be available round the clock from midnight today

RTGS सुविधा आज मध्यरात्रि से चौबीसों घंटे मिलेगी

RTGS सुविधा आज मध्यरात्रि से चौबीसों घंटे मिलेगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : December 13, 2020/11:51 am IST

मुंबई, 13 दिसंबर (भाषा) उच्च मूल्य के लेनदेन के लिए रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) सुविधा आज मध्यरात्रि (12:30 बजे) से प्रति दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी। इस तरह भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हो जाएगा जहां आरटीजीएस का परिचालन सातों दिन और चौबीसों घंटे होता है।

पढ़ें- साल का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण सोमवार को, सूतक काल का समय और क्या पड़ेगा इसका असर.. जानिए

भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर में घोषणा की थी कि आरटीजीएस सुविधा साल के सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने ट्वीट किया, ‘‘आरटीजीएस आज 12:30 बजे से चौबीसों घंटे परिचालन में रहेगा। इसे संभव बनाने वाली आरबीआई की टीम, आईएफटीएएस और सेवा भागीदारों को बधाई।’’

पढ़ें- कोरोना संक्रमण में कमी, 8 माह बाद इन राज्यों में खु…

इसके साथ ही भारत दुनिया के कुछ उन देशों में आ गया है कि जो आरटीजएस प्रणाली का परिचालन पूरे साल के दौरान चौबीसों घंटे करते हैं। करीब एक साल पहले रिजर्व बैंक ने नेफ्ट के परिचालन को चौबीसों घंटे किया था। नेफ्ट छोटे मूल्य के लेनदेन का लोकप्रिय तरीका है।

पढ़ें- सीएम बघेल के साथ साथ दौड़ा पूरा छत्तीसगढ़, कहा- मेरे …

आरटीजीएस का परिचालन 26 मार्च, 2004 में चार बैंकों के साथ शुरू हुआ था। फिलहाल इसमें रोजाना 237 भागीदारों बैंकों के बीच 4.17 लाख करोड़ रुपये के 6.35 लाख लेनदेन होते हैं। नवंबर, 2020 में आरटीजीएस पर औसत लेनदेन का आकार 57.96 लाख रुपये था। इस तरह से यह वास्तव में बड़े मूल्य वाले भुगतान की बेहतर प्रणाली साबित हुआ है।

पढ़ें- भूपेश कैबिनेट के मंत्रियों के साथ अफसरों ने भी लगाई…

आरटीजीएस वित्तीय लेनदेन के लिए सर्वश्रेष्ठ संदेश मानक आईएसओ 20022 का इस्तेमाल करता है। आरटीजीएस में लाभार्थी के खाते में पैसा पहुंचने की पुष्टि का फीचर भी उपलब्ध है। शुरुआत में रिजर्व बैंक ने नेफ्ट और आरटीजीएस प्रणाली के जरिये लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लगाया था। यह कदम देश में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन देने के लिए उठाया गया था। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों से इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा था। अब रिजर्व बैंक आरटीजीएस और नेफ्ट के जरिये लेनदेन के लिए बैंकों पर न्यूनतम शुल्क लगाता है। वहीं बैंक ग्राहकों पर शुल्क लगाते हैं।